राज्य में अगली सरकार के शपथ ग्रहण के लिए राजभवन तैयार है,लेकिन परिणामों की घोषणा के छह दिन बाद भी भाजपा गठबंधन की ओर से अब तक सरकार गठन की मांग पर संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल प्रो.जगदीश मुखी से मुलाकात नहीं की गई है। कोविड प्रोटोकॉल मानकर अबकी बार सादा शपथग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। नई सरकार के शपथग्रहण के लिए राजभवन ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर रखी है। भाजपा गठबंधन की ओर से सरकार गठन के लिए जादुई अंक हासिल करने के बावजूद अब तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा न कर पाने से राज्य के आम लोग असंतुष्ट हैं। उधर राज्य में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ऐसी स्थिति में राज्य में एक स्थिर सरकार की अति आवश्यकता है। इस समय वर्तमान मुख्यमंत्री को छोड़ अन्य भी किसी मंत्री का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। अगली सरकार के गठन न होने तक सिर्फ मुख्यमंत्री ही कार्यकारी सीएम के दायित्व में रहते हैं। इस समय कोई भी मंत्री न कोई फैसला कर सकता है और न ही फाइल पर हस्ताक्षर। राज्य प्रशासन के सभी कामकाज का दायित्व मुख्य सचिव पर रहता है। राज्यवासियों ने भाजपा के पक्ष में स्पष्ट बहुमत दिया था,किंतु मुख्यमंत्री केंद्रित मामले को लेकर अब तक सरकार का गठन संभव नहीं हो पा रहा है। बीते बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में अमित शाह के सरकारी आवास पर एक बैठक आयोजित हुई थी। खबर के मुताबिक उस बैठक में खासकर पश्चिम बंगाल की ताजा राजनैतिक स्थिति पर ही चर्चा हुई। असम में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में कौन आने वाला है उस पर भी शीर्ष नेतृत्व कोई फैसला नहीं कर पा रहा है। दूसरी बार के लिए सरकार गठन के लिए पूर्ण बहुमत हासिल होने के बाद भी प्रदेश भाजपा मुख्यालय वाजपेयी भवन में भी सन्नाटा छाया हुआ है। पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के मन में न कोई उत्साह व न ही खुशी है। एक ओर कोविड की भयानक परिस्थिति वहीं दूसरी ओर सरकार विहिन स्थिति। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक कब आयोजित होने वाली है, केंद्रीय पर्यवेक्षक कब असम आने वाले हैं, नई सरकार का शपथग्रहण कब होगा इन ढेर सारे सवालों के जवाब प्रदेश भाजपा के पास नहीं है। अब मुख्यमंत्री केंद्रित इस राजनैतिक लड़ाई में आम लोग बंधक बने हुए हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह अलग बात है, किंतु राज्य में अगले पांच सालों में सत्ता का जो अभिकेंद्र बनने वाला है वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले पांच दिनों में उजागर कर दिखा दिया। आनेवाले दिनों में इसका परिणाम निःसंदेह राज्यवासियों को भुगतना पड़ेगा।