गुवाहाटी: गुवाहाटी विश्वविद्यालय के संस्कृृत विभाग और भारतीय शिक्षा मंडल के संयुक्त तत्वाधान में तथा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन गौहाटी विश्वविद्यालय के फनीधर दत्त सभागार में किया गया। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता गुवाहाटी विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो. श्रीमती सुदेशणा भट्टाचार्य ने की। वैदिक और लौकिक मंगलाचरण के पश्चात मुख्य अतिथि श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर उनके साथ गौहाटी विवि के कुलपति प्रोफेसर प्रताप ज्योति संदिकै, गौहाटी विवि संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र नाथ शर्मा व दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि (गया) के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष सनत कुमार शर्मा उपस्थित थे। दो दिवसीय संगोष्ठी में असम प्रांतीय वैष्णवाचार्यों के दार्शनिक विचार और राष्ट्रीय एकता में उनका योगदान विषय पर व्याख्यान दिए गए। जिसमें भारतीय शिक्षण मंडल के अधिकारी व मार्गदर्शक डॉ विभाष चंद्र दास पुरकायस्थ, उत्तर असम प्रांत के अध्यक्ष डॉ नील मोहन राय, गौहाटी विवि यूनिट के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हरिप्रसाद शर्मा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूर्वोत्तर के संगठन मंत्री नीरव धीलानी के अलावा विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक गण,शोध छात्र विभागीय शिक्षकगण एवं छात्रों ने भाग लिया। इससे पहले गौहाटी विवि के कुलपति प्रोफेसर प्रताप ज्योति संदिकै ने उद्घाटन भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक कामेश्वर शुक्ल अध्यापक संस्कृत विभाग गौहाटी विवि द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ विनीमा बुजरबरुआ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही उद्घाटन सत्र का समापन हुआ। द्वितीय सत्र मे प्रोफेसर राजेंद्र नाथ शर्मा, प्रोफेसर मुक्ता विश्वास, प्रोफेसर सुदेशना भट्टाचार्य, प्रोफेसर जगदीश शर्मा की अध्यक्षता में शैक्षणिक सत्र का आयोजन हुआ।