नगांव : अर्थशास्त्र विभाग, नगांव कॉलेज (स्वायत्त) नगांव कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग से और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित ‘आत्मनिर्भर भारत : उत्तर पूर्व भारत में आगे बढ़ने के अवसर और चुनौतियां’ दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का उद्घाटन महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मृदुल हजारिका ने किया। डॉ हजारिका ने कहा कि हम एक जीवंत वातावरण पर ध्यान देते हैं, लेकिन यह तभी जीवंत होता है जब कोई व्यक्ति सक्रिय और बुद्धिमान हो। हमें एक अभिनव और रचनात्मक दिमाग की जरूरत है, तभी हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। कल्पनाशील और अपने आप को अपने कम्फर्ट जोन से मुक्त करें। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर और संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. डिंपल डेकारजा ने की। अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर बंटी नेउग और कॉलेज के उप-प्राचार्य ने स्वागत भाषण दिया। कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता व आश्वासन प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. भुवन चुतिया ने भी अपने विचार दिए। प्रोफेसर भागीरथी पांडा, निदेशक, सोशल साइंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया-नॉर्थ ईस्ट रीजनल सेंटर, जो संगोष्ठी में मुख्य वक्ता थे, ने आत्मनिर्भरता के अवसरों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि आत्मनिर्भर होने के लिए उत्तर पूर्व भारत है, जिसमें प्रचुर क्षमता है सभी पहलुओं में, अपनी स्थिरता का निर्माण करना चाहिए। दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रोफेसर कोमल सिंहा, अर्थशास्त्र विभाग, सिक्किम विश्वविद्यालय और रातुल महंत, प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने आमंत्रित वक्ताओं के रूप में भाग लिया।
नगांव कॉलेज (स्वायत्त) में राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित
