गुवाहाटी : ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अध्यक्ष राजीव यादव, आईएएस (आर) के नेतृत्व में, उत्तर पूर्वी जलीय अनुसंधान संस्थान (निहारी) ने बाढ़ प्रबंधन और तटकटाव नियंत्रण पर एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) के सहयोग से 19 से 23 सितंबर, 2022 तक आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन 19 सितंबर 2022 को आईआईटी-गुवाहाटी के प्रोफेसर अरूप कुमार शर्मा और एनआईएच, गुवाहाटी के वैज्ञानिक जी और प्रमुख डॉ. एसवी विजय कुमार ने मिलकर किया। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को पूर्वोत्तर में सेवारत जल संसाधन क्षेत्र से संबंधित सरकारी विभागों के कनिष्ठ से मध्य स्तर के अभियंताओं के अनुरूप बनाया गया था। प्रशिक्षण कार्यशाला में बाढ़ प्रबंधन और तटकटाव नियंत्रण जैसे महत्वयपूर्ण विषयों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र के कटाव, डीपीआर की तैयारी, एचईसी-आरएएस और एचईसी-एचएमएस का उपयोग से मॉडलिंग तकनीक एवं पूर्वोत्तगर क्षेत्र की बाढ़ और कटाव से संबंधित महत्वसपूर्ण विषय शामिल किए गए थे। कार्यशाला में अरुणाचल, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में सेवारत 29 सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें कुल 18 व्याख्यान रखे गए। संकाय के रूप में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की व गुवाहाटी, आईआईटी-गुवाहाटी; सीएसएमआरएस, नई दिल्ली; केंद्रीय जल आयोग, गुवाहाटी और निहारी तथा ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अधिकारियों ने अपना योगदान दिया। प्रतिभागियों को कटावरोधी और बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए एक साइट दौरा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जहां जल संसाधन विभाग, असम द्वारा पूर्ण कामदेव क्षेत्र के समीप नोना नदी पर कास्ट-इन-सीटू कंक्रीट ब्लॉकों के उपयोग से निर्मित तट पलस्तेर, नलबारी में लालकुची, मुकलमुआ के पास निर्मित ब्रह्मपुत्र डाइक का अवलोकन कराया गया। संस्थान के निदेशक रंजित डेका द्वारा प्रतिभागियों को निहारी में पुनर्निर्मित प्रयोगशाला सुविधाओं का अवलोकन भी कराया गया। समापन समारोह में ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अध्यक्ष राजीव यादव, आईएएस (आर) तथा केंद्रीय जल आयोग एवं  सीएसएमआरएस के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहें।