गुवाहाटी: सांस्कृतिक संगठन प्रज्ञा प्रवाह द्वारा पूर्वोत्तर के बौद्धिक मंच और असम पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय लोकमंथन सम्मेलन के तीसरे संस्करण ‘लोकमंथन 2022’ का महानगर गुवाहाटी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र के प्रेक्षागृह में कई सत्रों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में लोक परंपरा में शक्ति की अवधारणा विषय पर संभाषण आयोजित हुआ। समारोह में वक्ता के रूप में महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा की प्रमुख माता पवित्रानंद गिरी ने कहा कि बदनामी के डर से माता-पिता ने मेरी पहचान छिपाकर रखी। इसके चलते मुझे बाहर आने-जाने की स्वतंत्रता नहीं मिलती थी। मैंने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन भगवान ने मुझे जीवन प्रदान किया। समाज ने मुझे बताया कि मैं किन्नर हूं। मेरे पारिवारिक संस्कार अच्छे थे, मेरा परिवार शिक्षित था इसलिए मैंने बीएससी नर्सिंग किया। उन्होंने कहा कि परिवार और समाज की प्रताडऩा के चलते मैंने किन्नरों को अधिकार दिलाने के लिए ट्रस्ट की स्थापना की। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा थर्ड जेंडर को दर्जा देने के बाद मुझे लगा कि मैं भी इस देश का नागरिक हूं। उन्होंने कहा कि उज्जैन में उन्होंने किन्नर अखाड़ा शुरू किया, उसके बाद हिंदू से मुसलमान बने कई किन्नर पुन: हिंदू बने। इस दौरान पद्मश्री से सम्मानित नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि समाज में शक्ति की अलग-अलग अवधारणाएं हैं, लेकिन वे कहीं न कहीं मिल जाती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान की प्रतिमा के ऊपर जो चंद्र लगाया जाता है, उसका संबंध चंद्रमा से है। भारतीय संस्कृति में ताली बजाने की परंपरा है और ताली बजाने से विघ्नों का नाश होता है। वहीं भारत में धार्मिक यात्राओं एवं अन्नदान की लोक परंपरा विषय पर आयोजित समारोह में प्रो. वनवीणा ब्रह्म ने कहा कि वेदों में वर्णित कन्या दान, अन्न दान, गोदान में अन्नदान सबसे महत्वपूर्ण है। भारतीय संस्कृति की मान्यता है कि धार्मिक यात्राओं पर जाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि अन्नदान करने से प्रेम और आपसी भाईचारा बढ़ता है। इसीलिए कई कार्यक्रमों पर भोज का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि विवेकानंद ने असम की यात्रा करके विभिन्न धर्मस्थलों का दर्शन किया। बोड़ो समुदाय के काली चरण ब्रह्म ने भी देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा की है।
लोकमंथन में विभिन्न विषयों पर हुआ मंथन देश के जाने-माने वक्ताओं ने लिया भाग
