गुवाहाटी : पूर्वोत्तर के अग्रणी विश्वविद्यालय असम काजीरंगा विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह का आयोजन बीते 19 सितंबर को संपन्न हुआ। 7वें दीक्षांत समारोह में 2020 और 2021 दोनों बैचों के पीएचडी सहित कुल 1480 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। जोरहाट के कोराईखोवा स्थित विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित 7वें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर वसंत खेतान ने किया। इस अवसर पर अपने भाषण में प्रो-चांसलर श्री खेतान ने स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी और छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धि के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। विश्वविद्यालय की स्थापना के 10 गौरवशाली वर्षों का उल्लेख करते हुए प्रो-चांसलर श्री खेतान ने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बदलते समय की आवश्यकता के साथ शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को अनुकूलित करने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने छात्रों से जीवन के लक्ष्य निर्धारित करने और कभी भी लक्ष्यों से ध्यान नहीं हटाने का आग्रह किया। इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलुरू के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश टी कृृष्णन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। प्रोफेसर ऋषिकेश ने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लाने में प्रमोटरों के योगदान की सराहना करते हुए अपने संबोधन में नवाचार, रचनात्मकता और दृढ़ संकल्प के महत्व पर जोर दिया। प्रो कृृष्णन ने छात्र समुदाय से समाज को प्रभावित करने वाली समस्याओं के नवोन्मेषी समाधानों की तलाश करने और राष्ट्र के लिए सक्रिय रूप से योगदान देने का आग्रह किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीके मिश्र ने स्नातक बैच के छात्रों को बधाई दी। उल्लेखनीय है कि असम काजीरंगा विश्वविद्यालय की ओर से तीन विशिष्ट व्यक्तियों को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। राष्ट्र के विकास और प्रगति में उनके योगदान के लिए डॉ जी सतीश रेड्डी को पहली मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। आध्यात्मिकता के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाकर एक सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में उनके योगदान के लिए श्री गौरांग दास को दूसरी मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। तीसरी मानद डॉक्टरेट सुदीप बनर्जी को प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में उपस्थित अन्य विशिष्ट व्यक्तियों में काजीरंगा विश्वविद्यालय की निदेशक रेनी खेतान, एनआईएसटीएडीएस, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ प्रशांत गोस्वामी, और एआईएम गुवाहाटी के संस्थापक निदेशक प्रो. शांतिकाम हजारिका शामिल थे।