गुवाहाटी : गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को विक्टर दास को अंतरिम जमानत दे दी। विक्टर को 9 सितंबर को सरकारी भर्ती प्रक्रिया में घोटाले के नाम पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें 29 सितंबर तक अंतरिम जमानत दी है। गौरतलब है कि दास ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग पिछले दरवाजे से नियुक्ति के लिए प्रत्येक उम्मीदवार से 3-8 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। विक्टर दास गुवाहाटी में दो कोचिंग संस्थान चलाते हैं, एक राजगढ़ में और दूसरा मालीगांव में, दोनों का नाम स्वार्डेमी है। विक्टर एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से उम्मीदवारों को ऑनलाइन कोचिंग भी प्रदान करता है। विक्टर ने एक ट्विटर पोस्ट में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत, विशेष डीजीपी जीपी सिंह को टैग किया था, जिसमें कहा गया था, आदरणीय महोदय, हाल ही में आयोजित की गई पिछले दरवाजे की नियुक्ति के लिए एक विशाल लॉबी चल रही है। हाल ही में आयोजित सीधी भर्ती परीक्षा में जहां लोग पद के आधार पर 3 लाख से 8 लाख रुपए तक की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुछ पूर्व विधायक भी शामिल हैं। कृपया मदद करें। बाद में उन्हें गलत सूचना फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा था कि पूछताछ के दौरान दास उस जानकारी का कोई प्रासंगिक सबूत नहीं दे सका जो उसने सोशल मीडिया पर प्रसारित की थी। डीजीपी भास्करज्योति महंत ने बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, विक्टर दास मामले पर व्यावहारिक जानकारी नहीं दे सके और तथ्यों की गलत व्याख्या की है। पुलिस ने कामरूप जिले के हाजो के ददरा गांव में विक्टर दास के आवास पर भी छापेमारी की थी और उनका लैपटॉप जब्त किया था। उसके कुछ छात्रों से बाद में पुलिस ने पूछताछ की।