खारूपेटिया : दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन अनंतचतुर्दशी के पावन अवसर पर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पालन किया गया। उत्तम ब्रह्मचर्य अर्थात सद्गुणों का अभ्यास करना और पवित्र रहना। चिदानंद आत्मा में लीन होना ब्रह्मचर्य है। अनंतचतुर्दशी के पावन दिन मुलनायक भगवान महवीर के कलशविषेक करने का सोभगय मनोज कुमार पहाड़िया परिवार को मिला। अभिषेक पश्चात अनंतचतुर्दशी की पूजा-अर्चना भक्ति भाव से की गई। उसके पश्चात मांडला विसर्जन कर दसलक्षण पर्व का विधिवत समापन कर दस दिनों तक दस धर्मो का लाभ लिया। वहीं तेले के उपवास करते हुए व्रती रोहन काला, नैंसी पाटनी व अरिहंत बाकलीवाल ने तीन दिन के उपवास का पालन किया। वहीं सोलह दिवसीय एवं दस दिवसीय उपवास की भावना भाते हुए सुनित जैन झांझरी, जिन्होंने सोलह की तपस्या की है। मनोज कुमार पाटनी, मेहुल जैन पाटनी, चेतन्य जैन पाटनी, जिन्होंने दस दिनों की तपस्या कर दस दिनों तक चलने वाला दसलक्षण धर्म का लाभ लिया। और सभी व्रती का सामाजिक अभिनंदन अनंतचतुर्दशी के पावन अवसर पर दिगम्बर जैन भवन में किया गया।