गुवाहाटी: अंतर्राष्ट्रीय जिमनास्ट और ओलंपियन दीपा कर्मकार का कहना है कि अब बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं, बल्कि बहुत आगे हैं, इसे हमने सिद्ध कर दिया है, परंतु हमें और आगे बढ़ना है, इसके लिए अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कठोर परिश्रम के साथ दैनिक अभ्यास जरूरी है। जिमनास्ट दीपा ने कहा कि आज की लड़कियां शिक्षा, चिकित्सा, खेल और सेना के साथ हर क्षेत्रों में आगे  है। साथ ही सरहद के साथ सड़क और रेल के साथ वायु मार्ग में अपनी बेहतर सेवाएं दे रही है। वहीं एक प्रश्न के जवाब में दीपा ने कहा कि अब एशियन गेम-2023 के लिए जोरदार तैयारी चल रही है ताकि फिर से देश के लिए मेडल लाकर नाम रौशन कर सकूं। दीपा के कोच द्रोणाचार्य विशेश्वर नंदी ने बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार खेल को बढ़ावा देने पर पूरा फोकस कर रही है। सरकार प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए हर तरह से सहयोग कर रही है। साथ ही खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए विशेष पहल कर रही है। अब हमारा लक्ष्य एशियन गेम तथा उसके बाद ओलंपिक पर है। कोच ने बताया कि कोई भी काम हो उसे शिद्दत तथा जिद से करना चाहिए,क्योंकि जिद से ही जीत मिलती है। आप खेल हो,परीक्षा हो या प्रस्तुति हो हर काम को  मन में जिद्द लेकर करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर में जिमनास्ट के साथ अन्य खेलों में काफी संभावनाएं हैं परंतु इस खेल के विकास के लिए पूर्वोत्तर के हर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और खेल मंत्रालय के साथ ही खेल संघ को हर तरह के सहयोग के लिए आगे आना होगा। दीपा को फिलहाल शरीर में दर्द की शिकायत है परंतु जल्द ठीक हो जाएगी, इसके बाद विशेष रूप से प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं बॄमघम खेल में कोच के हिसाब से गया था, जहां भारत के खिलाड़ियों ने 22 गोल्ड मेडल अपने देश के लिए जीता, जो कम नहीं है। इसके साथ ही कुल 61 मेडल लाए। जिसमें अधिक मेडल महिलाएं  तथा बाकी पुरूषों ने जीता था।  इसके साथ ही कहा कि अभिरुचि इस तरह के खेल के माध्यम से राज्य के युवाओं का उत्साहवर्धन कर रहा है। अभिरुचि को असम में जिंमनास्ट को बढ़ावा देन के लिए पहल करनी चाहिए, इससे असम के युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा उजागर होगा साथ ही उनका मनोबल बढ़ेगा तथा वे आगे बढ़कर राज्य के साथ देश का नाम रौशन कर सकते हैं।