गुवाहाटीः फैंसी बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर में 10 लक्षण धर्म की आराधना अत्यंत श्रद्धा भक्ति भाव पूर्वक विभिन्न कार्यक्रमों के साथ की जा रही है। सभी कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में समाज के सभी सदस्य महिलाएं तथा पुरुष व युवा भाग ले रहे हैं। प्रातः काल 5ः30 से सामूहिक शांति धारा, नित्य नियम की पूजन के उपरांत मंडल विधान की पूजन पूज्य गुरु मां 105 विंध्याश्री माता ससंघ के सान्निध्य में अत्यंत भक्ति भाव पूर्वक संपन्न की जा रही है। आज सायंकाल पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन आर्जव धर्म की व्याख्या करते हुए शिरोमणि पूज्य श्री माता ने कहा कि सर्वत्र समता भाव, सहज-सरल दृष्टि, वस्तु के जैसा स्वभाव है। उसे वैसा ही जानना, मानना और उस रूप प्रवृत्त होना ही आर्जव धर्म है। गुरु मां ने कहा कि माया का वजूद अद्भुत है। इसके कारण इंसान की आंखों पर लोभ का चश्मा चढ़ जाता है। उसकी तृष्णाएं बढ़ती जाती हैं। लोभ ज्यो-ज्यो बढ़ता है। इंसानियत घटती है।