गुवाहाटीः असम सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग के मंत्री पीयूष हजारिका ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय ओवरडोज जागरूकता दिवस के  मौके पर कहा कि असम में ड्रग्स के खिलाफ  जंग जारी है। हमें युवा पीढ़ी को ड्रग्स जैसे विनाशकारी पदार्थों के सेवन से बचाना होगा। मंत्री हजारिका ने  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नशीले पदार्थ के सेवन से मरने वाले लोगों के परिवार के हमें सहानुभूति है, लेकिन ड्रग्स के चंगुल में फंसे लोगों को बचाने के क्षेत्र में विशेष जागरूक माहौल बनाने के लिए 2001 से इस प्रकार के आयोजन किए जा रहे। मंत्री हजारिका ने कहा कि उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार सन 2017 से 2019 तक हमारे देश में लगभग 2300 लोगों की ड्रग्स के ओवरडोज के कारण मौत हुई है। इनमें से सबसे भयानक बात यह है कि 14 से 18 साल की उम्र में लगभग 70 बच्चों की मौत हुई है। इस प्रकार की घटना देश के भविष्य के लिए अशुभ संकेत है। मंत्री ने कहा कि अभिभावकों के  सामने जब उनकी संतान ड्रग्स की लत से  मौत के गाल में जाती है तो इससे दुर्भाग्यजनक बात और कुछ नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर परिवार का कोई भी सदस्य ड्रग्स सेवन करने लगाता है तो वहां विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार के गठन होने के दिन से ही मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा के नेतृत्व में ड्रग्स और ड्रग्स सप्लाई करने वालों के खिलाफ कड़ाई से पहल की गई है। सरकार अवैध तस्करी विरोधी अभियान भविष्य में भी जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य की युवा पीढ़ी को ड्रग्स के ओवरडोज से सुरक्षित रखने के लिए हम सभी को सजग होना होगा।  मंत्री ने कहा कि राज्य में ड्रग्स सेवन करने वालों के लिए पुनर्वास केंद्रों के नियंत्रण के लिए सरकार शीघ्र ही कुछ नीति बनाएगी। इन नीतियों से पुनर्वास केंद्रों को उनके कार्यों को सुचारू ढंग से चलाना होगा।