जोरहाट : असम के वैष्णव महागुरु श्रीमंत शंकरदेव की पुण्यतिथि आज पूरे राज्य सहित ऊपरी असम में भी विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाई गई। ऊपरी असम के सभी नामघर सहित विभिन्न अनुष्ठान, प्रतिष्ठान तथा विद्यालयों में गुरु शंकरदेव के पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान भक्तों ने नाम कीर्तन, भागवत पाठ, दिहानाम, गायन-बायन प्रदर्शन और शोभायात्रा आदि निकाल कर महापुरूष शंकरदेव का स्मरण किया। इसी कड़ी में आज जोरहाट जिला अंतर्गत लगभग सभी नामघरों में गुरू शंकरदेव पुण्यतिथि का पालन किया गया। जिले के अंतर्गत ऐतिहासिक ढेकियाखोवा बरनामघर में भी आज श्रीमंत शंकरदेव की पुण्यतिथि भव्य कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के अनुसार बरनामघर में नाम प्रसंग, कीर्तन पाठ, गायन-बायन, दिहानाम आदि का आयोजन किया गया। गुरु की पुण्यतिथि पर ढेकियाखोवा नामघर में हजारों की तादाद श्रद्धालुओं का समागम देखने को मिला। राज्य के कृृषि मंत्री अतुल बोरा भी आज ढेकियाखोवा बरनामघर पहुंचकर मत्था टेका और देश, जाति तथा राज्यवासियों के मंगल की कामना की। पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि महापुरूष श्रीमंत शंकर देव ने असमिया समाज को साहित्य, संस्कृति, चित्रकला, धर्म तथा समाज जीवन के सभी अंगों को नए रूप से सजाया था। वहीं महापुरूष की पुण्यतिथि पर कलियाबर के सांसद तथा संसद के प्रतिपक्ष के उपदलपति गौरव गोगोई ढेकियाखोवा नामघर पहुंचे। उन्होंने देशवासियों की तथा परिवारवालों की मंगल करते हुए नामघर के गुरुआसन के सामने मत्था टेका। पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि समाज में भाईचारा मानव प्रेम, दया, करूणा आदि कायम रहे इसलिए भगवान से प्रार्थना की। पत्रकारों के पूछे गए सवालों का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. तरूण गोगोई हर वर्ष भादव महीने में ढेकियाखोवा बरनामघर में आकर राज्यवासियों की मंगल के लिए पूजा-अर्चना करते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि स्व. गोगोई को आज भी लोग स्मरण करते हैं। इसका आभास उन्हें तब हुआ, जब वो बरनामघर पहुंचे और और लोगों ने उनको पिता द्वारा किए गए कार्य की चर्चा की। इससे पता चलाता है मेरे स्व. पिता अब भी लोगों के दिलों में जिंदा है। वहीं उनका कहना था कि बरनामघर में राज्य के मंत्री अतुल बोरा भी पहुंचे हैं। राजनैतिक भेदभाव को दरकिनार करते हुए आज देश तथा राज्यवासियों की मंगल व राज्य के विकास के लिए हम लोगों ने भगवान से प्रार्थना की है। वहीं दूसरी ओर महापुरूष की पुण्यतिथि पर आज पश्चिम जोरहाट स्थित बरभेटी में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान नामघर नाम कीर्तन तथा भागवत पाठ आदि का आयोजन किया गया। इस मौके पर बरभेटी प्रबंधन समिति के सौजन्य से दो सौ तामूल के पौधे का रोपण किया गया। वहीं दूसरी ओर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वृहत्तर साग-सब्जी व्यापारी संस्था के सौजन्य से शंकरदेव की पुण्यतिथि का पालन किया गया।