गुवाहाटी : फैंसी बाज़ार स्थित सांगानेरिया धर्मशाला में ब्रह्मपुत्र साहित्य सभा के आतिथ्य में कामरूप महानगर जिला साहित्य सभा द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मारवाड़ी समुदाय का असमिया भाषा व साहित्य में योगदान विषय पर चर्चा की गई। कामरुप महानगर जिला साहित्य सभा के अध्यक्ष विशिष्ठ व्यंग्यकार दासो कलिता की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में असम के विशिष्ट साहित्यकार, लेखक, बरपेटा के वाणीकांत काकोती महाविद्यालय के इतिहास विभाग के सहयोगी प्रोफेसर रणजीत सभापंडित, विशिष्ठ लेखक साहित्यकार चंद्रधर कलिता ,संस्थापक अध्यक्ष कपूर चंद जैन, जिला के कोषाध्यक्ष मफिजुद्दीन,सह संपादक मनोज दास व शाखा अध्यक्ष किशोर कुमार जैन मंच पर विराजमान थे। सभा की शुरुआत में पूर्वोत्तर महिला समिति व ब्रह्मपुत्र साहित्य सभा की महिला सदस्याओं ने चिर सेनेही मोर भाषा जननी गीत प्रस्तुत किया। जहां एक ओर मुख्य वक्ता रंजीत सभापंडित ने मारवाड़ी समाज के इतिहास के बारे में उल्लेख किया वहीं दूसरी ओर चंद्र कलिता ने मारवाड़ी समाज की नई पीढ़ी के साहित्य के अवदान के बारे में बताया। इसके अलावा सभा में प्रभात चंद्र दास, प्रदीप बर्मन ,डॉक्टर असमी गोगोई,  मनोज दास, बादल दास व घनश्याम लडिया ने अपने विचार प्रस्तुत किए। सभा में सविता जोशी, कंचन केजरीवाल  व सरला काकती ने ज्योति प्रसाद अगरवाला रचित गीत व कविता गाकर सुनाए। कार्यक्रम के संयोजक नवल किशोर मोर  तथा रतन  अग्रवाल,विजय   जैन व कृृष्ण जालान के  अलावा सभा में अंशु सारडा, रवि अजीतसरिया, विनोद रिंगानिया, प्रमोद तिवारी, दिनकर कुमार, डॉ श्याम सुंदर हरलालका, संतोष वैद  के अलावा  कामरूप महानगर जिला समिति के कार्यकारिणी सदस्य व विभिन्न शाखाओं के अध्यक्ष व संपादक उपस्थित थे।