शिलांग : श्री राजस्थान विश्राम भवन में आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो का समापन रविवार को हुआ। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कथा वाचक पंडित प्रमेशवर लाल गुरुकृपा दाधीच ने कहा कि यह कथा सेवा, सहयोग और समर्पण की सीख देती है। कथा में सहयोग की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को जीवित रखना है तो हमें एकजुटता मिलाकर ऐसे धार्मिक अनुष्ठानों करना जरूरी है। कथा के अंतिम दिन मायरे का मंचन हुआ। इसमें श्रीकृष्ण भक्त नरसी मेहता की पुत्री नानी बाई के लालची ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में मायरा भरने स्वयं श्रीहरि द्वारा उपस्थित होकर अपने भक्त की लाज रखने और मायरा भरने की कथा का पंडित श्री परमेश्वर लाल दाधीच के द्वारा संगीतमय वर्णन किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन श्रीकृष्ण ने छप्पन करोड़ का मायरा भरा। कथा समापन के दौरान जगदीश गोयल, राजेश शर्मा, श्यामसुंदर घोडिवाला एवं लड्डू गोपाल समिति के द्वारा आए हुए सभी मेहमानों सहित व्यासजी महाराज का स्वागत किया गया। जगदीश गोयल ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया। भंडारे में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।