गुवाहाटी : राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में लगभग  30000 तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीदवारों के चयन के लिए आगामी 21 अगस्त से तीन चरणों में परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र असमिया, अंग्रेजी, बोड़ो और हिंदी भाषाओं में तैयार किए गए हैं। सरकार का यह फैसला सराहनीय है और इसका फायदा राज्य में सैकड़ों वर्षों से रहने वाले स्थानीय हिंदीभाषी और हिंदी पढ़ने वाले उम्मीदवारों को भी मिलेगा। इस संबंध में राज्य सरकार के मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि इन पदों के लिए करीब 14 लाख उम्मीदवार पहले ही ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। चयन परीक्षा सुचारू रूप से कराने के लिए सीएम पहले ही जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर चुके हैं। पहली बार सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी चयन परीक्षाओं में हिंदी का उपयोग करने का निर्णय लिया है। प्रश्न पत्र असमिया, बंगाली, बोड़ो, अंग्रेजी और हिन्दी भाषाओं में उपलब्ध होंगे। हालांकि, हिंदी में प्रश्न पत्र जारी करने पर  विवाद शुरू हो गया है। कुछ को डर है कि इससे बाहर के उम्मीदवारों को भर्ती मिल जाएगी। इस पर पीयूष ने ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे लोग आज महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में नौकरी करने नहीं जाते हैं। सरकार को अखिल भारतीय स्तर पर राज्य में नौकरियों के लिए आवेदन करने में सख्ती बरतनी चाहिए या नहीं इस पर मंत्री हजारिका ने कहा कि जिस प्रकार असम के बहुत से नागरिक वर्तमान में बाहरी राज्यों में कार्यरत हैं, उसी प्रकार यदि हमारे राज्य में प्रचलित नियमों के आधार पर कुछ अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार मिले तो हमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। असम के मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 30,000 तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए बुधवार को जिला आयुक्तों और अन्य हितधारकों के साथ एक आभासी बैठक की थी। दूसरी ओर असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (अजायुछाप) ने लिखित परीक्षा के लिए हिंदी में प्रश्न पत्र तैयार करने का कड़ा विरोध किया है। गुरुवार को मीडिया को प्रेषित एक प्रेस विज्ञप्ति में परिषद की केंद्रीय समिति के अध्यक्ष राणा प्रताप बरुवा और महासचिव पलाश चांग्मा ने कहा कि सरकार ने राज्य के बाहर के लोगों को परीक्षा में बैठने का मौका देने के लिए हिंदी में प्रश्न पत्र तैयार किए हैं। सरकार की यह असम विरोधी और बेरोजगारी विरोधी साजिश कभी स्वीकार नहीं की जाएगी। बयान में यह भी कहा गया है कि जब असम में लगभग 35 लाख शिक्षित बेरोजगारों ने अपनी नौकरी खो दी है और राज्य में शिक्षित बेरोजगारों को अपनी जीविका कमाने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है, ऐसे समय में स्थानीय लोगों की ओर से चुनी गई सरकार को राज्य में बाहर के लोगों को रोजगार देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।