रवींद्र तोदी
बदलते दौर और बदलती सोच के साथ आज महिलाओं की सामाजिक स्थिति में भी परिवर्तन दिख रहा है। घर-गृहस्थी और पारिवारिक रश्मों-रिवाज को बखूबी संभालते हुए महिलाएं सामाजिक स्तर पर भी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही हैं। सुखद पहलू यह है कि इस नए दौर में बदलते समय के साथ आज का समाज व परिवार भी दिल खोलकर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मान दे रहा है। धुबड़ी की बहू रंजीता अग्रवाल ऐसी ही प्रतिभाओं में शुमार हैै, जिन्होंने घर-परिवार, समाज और राजनीतिक लगभग हर क्षेत्र में एक नए आयाम स्थापित किए। पेशे से अधिवक्ता तथा दो बेटियों की मां रंजीता अग्रवाल सन् 2015-20 में पांच नंबर वार्ड से पार्षद रह चुकी हैै तथा सन् 2018-21 लगभग तीन सालों तक जिला शिशु कल्याण कमेटी ;चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्या के तौर पर नाबालिग बच्चों के हक व अधिकारों के लिए अपनी सेवाएं देती रहीं। दूसरी ओर इस सेवा का क्रम अब भी जारी है। सामाजिक जीवन में रंजीता की बेहतर सक्रियता को देखते हुए इस साल उन्हें जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्या के रूप में भी चयनित किया गया। रंजिता समाज की इकलौती ऐसी महिला सदस्य हैं जो राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन में इतनी सक्रियता व मजबूती के साथ खुलकर सामने आई हैै,यह एक मिसाल है। फिलहाल भाजपा की जिला सचिव जैसे महत्वपूर्ण व बड़े पद पर आसीन हैं और अपने दल को नेतृत्व प्रदान कर रही हैं। दरअसल रंजीता के सफल सार्वजनिक जीवन के पीछे की कहानी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सबसे अधिक जरूरी समय का कुशल प्रबंधन हैं। पूर्वांचल प्रहरी को दिए गए इंटरव्यू में रंजिता ने खुद बताया कि परिवार का बेहतर सहयोग, उत्साह तथा समय का बेहतर कुशल प्रबंधन के चलते यह सब कुुछ संभव हो पाया। उन्होंने बताया कि घर गृहस्थी में उलझी महिलाओं के लिए सार्वजनिक जीवन में समाज के लिए कुछ करने के लिए टाइम मैनेजमेंट अति जरूरी शर्त है। रंजीता मूलतः शिलांग (मेघालय) के स्वर्गीय विनोद गोयनका व निर्मला गोयनका की सुपुत्री हैै तथा धुबड़ी के प्रतिष्ठित समाजसेवी व व्यवसायी सुरेश अग्रवाल की पुत्रवधू व अमित अग्रवाल की धर्मपत्नी हैं। रंजीता शिलांग में ही पली-बढ़ीं और शिक्षा ग्रहण की। नेहू से कैमेस्ट्री में ऑनर्स सहित प्रथम श्रेणी से बीएससी की परीक्षा पास की। वह बताती हैं कि सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर डिप्लोमा करने के दौरान वह एमएससी करना चाहती थीं,परंतु किसी कारणवश यह हो नहीं पाया। सन् 2003 में शादी के बाद भी पढ़ने की उनकी इच्छा हुई परंतु इसको लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल थे। उनके मन में बार-बार यह सवाल उठ रहा था कि क्या किसी बहू के लिए ऐसा करना संभव होगा, परंतु सौभाग्यवश यह सवाल सिर्फ उनकी कल्पना तक ही सीमित रही। उनके पति व पिता स्वरुप ससुर ने हर पग-पर उनका उत्साह बढ़ाया तथा भरपूर साथ दिया एवं शायद यही प्रेरणा रही कि शादी के 6 साल बाद मैंने धुबड़ी लॉ कालेज में एलएलबी करने के लिए दाखिला लिया। जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर सहयोग,उत्साह व प्रेरणा से प्रथम श्रेणी से लॉ की परीक्षा पास की। सन् 2012 में एलएलबी की डिग्री लेने के पश्चात सन् 2013 से रंजीता ने पेशागत वकालत की राह पकड़ी और आज उनका निजी चैंबर हैं। सन् 2015 में नगर पालिका चुनाव में पांच नंबर वार्ड से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा पार्षद चुनीं गई। सार्वजनिक जीवन की इतनी व्यस्तता के बावजूद समय के कुशल प्रबंधन के गुण के बूते पर रंजीता घर-परिवार और सामाजिक स्तर पर आयोजित होने वाले सभी पारंपारिक कार्यक्रमों एवं धर्म-कर्म के आयोजनों में भी बढ़-चढ़ कर पूरी सक्रियता के साथ हिस्सा लेती हैै,जो अपने आप में एक उदाहरण हैै। रंजीता मारवाड़ी युवा मंच की मिड टाउन शाखा में भी बतौर अध्यक्ष कार्यभार संभाल चुकी हैै। फिलहाल अग्रवाल महिला समिति की सचिव भी हैै। धुबड़ी और गौरीपुर श्री कृष्ण गौशाला में भी नियमित गौ सेवा प्रदान करती हैं। शहर के लगभग सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ पूरी सक्रियता से जुड़ी रंजीता बताती हैं कि सार्वजनिक जीवन में यह कार्य मेरे जीवन की रुटिन का हिस्सा है तथा मैं चहुंगी कि मेरी दोनों बेटियां भी आगे चलकर ऐसे ही समाज से सक्रियता के साथ जुड़ें।
धुबड़ी