पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता

गुवाहाटी : राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग से राजीव भवन स्थित एपीसीसी मुख्यालय में तहलका मचा हुआ है। दिल्ली हाईकमान को देशद्रोहियों की सूची सौंपने के बाद, एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अपने साथी नेताओं और कार्यकर्ताओं के क्रॉस-वोटिंग के बारे में बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने क्रॉस वोटिंग मामले की जांच की जिम्मेदारी ली है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पहले ही इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुकी है। इसलिए मैं इस मुद्दे पर किसी से सलाह और राय नहीं मांग रहा हूं। इसलिए, मैं हर नेता और कार्यकर्ता से क्रॉसवोटिंग से बचने का आग्रह करता हूं। भूपेन बोरा ने दावा किया कि उन्होंने दिल्ली में गद्दारों की सूची जमा की थी, लेकिन उस प्रक्रिया को स्पष्ट नहीं कर सके जिससे गद्दार ने सूची तैयार की। कांग्रेस ने दावा किया कि विश्वासघाती विधायकों की संख्या छह थी जबकि यूडीएफ ने दावा किया कि 20-22 कांग्रेस विधायकों ने भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के किन विधायकों ने क्रॉस वोट किया है जानने के लिए भूपेन बोरा मुझे फोन कर कर सकते हैं। मैंने उनकी सूची नहीं देखा है परंतु मुझे पता है कि किसने किसे वोट दिया। आपको मुझसे सूची प्राप्त करनी होगी। किसी और से सूची लेने पर सही बात सामने नहीं आएगी।