आखिरकार अल्फा (स्वा)ने 3 महीने 14 दिन बाद कुइप्पो के दो अपहृत अधिकारियों में से शिवसागर निवासी प्रणब कुमार गोगोई को शनिवार को रिहा कर दिया। असम रायफल्स के सूत्रों के अनुसार गोगोई को भारत-म्यामां सीमावर्ती अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के नामपंग थानांतर्गत लांगवी गांव में रिहा किया गया है। अरुणाचल प्रदेश की चांगलांग पुलिस के अनुसार गोगोई को दोपहर 12.30 बजे सकुशल रिहा किया गया। इसके बाद गश्त लगा रहे सुरक्षाबल के जवानों ने गोगोई को अपने कब्जे में कर अरुणाचल पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस फिलहाल उनसे पूछताछ कर रही है। उधर, अन्य एक अपहृत अधिकारी बिहार के रामकुमार के बारे में समाचार लिखे जाने तक किसी तरह की अधिकृृत जानकारी नही मिली है। अरुणाचल पुलिस के पास भी रामकुमार के बारे में कोई तथ्य नहीं है। इसे लेकर राम कुमार की रिहाई पर संशय बना हुआ है। मालूम हो कि अल्फा (स्वा) तथा नगा विद्रोही संगठन एनएससीएन (आईएम) ने 21 दिसंबर की रात अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के डायून थानांतर्गत ईनाओ अंचल के खुमचाईका स्थित कुइप्पो के ड्रिलिंग साइट से शिवसागर निवासी प्रणब कुमार गगोई एवं बिहार निवासी राम कुमार का अपहरण कर लिया था। अपहरण के बाद अल्फा (स्वा) तथा एनएससीएन (आईएम) ने अपहृतों की फिरौती बाबत कंपनी से 20 करोड़ रुपए की मांग की थी। अपहरण कांड के एक महीने बाद दोनों अपहृतों ने वीडियो के जरिए अपनी रिहाई के लिए कुइप्पो व सरकार से गुहार लगाई थी। बाद में अल्फा (स्वा) ने 16 फरवरी को फिरौती की रकम का भुगतान अदा करने का अंतिम समय तय कर दिया था। रकम न देने की स्थिति में बिहार के रामकुमार की हत्या की भी धमकी दी थी। इस अपहरण कांड को लेकर कौशिक फूकन नामक एक व्यक्ति ने कुइप्पो तथा अल्फा के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। बाद में अल्फा (स्वा) तथा कुइप्पो के बीच समझौता होने की खबर मीडिया में आई। आखिरकार अल्फा (स्वा) ने गोगोई को अपने चंगुल से मुक्त कर दिया किंतु दूसरे अपहृत अधिकारी राम कुमार के लापता की खबर को लेकर सनसनी व्याप्त है।