पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला का मामला उजागर होने से ममता सरकार को करारा झटका लगा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई हैं। हालांकि अभी ममता बनर्जी इस मामले से दूरी बनाई हुई हैं, क्योंकि उनको लगता है कि इस मामले में ज्यादा हो-हल्ला करने से उनकी छवि को भी धक्का लगेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षा भर्ती घोटाला मामले में शामिल होने के आरोप में पश्चिम बंगाल उद्योग-वाणिज्य एवं संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक दिन पहले पार्थ चटर्जी की करीबी बंगाली फिल्म की नायिका अर्पिता मुखर्जी के निवास पर छापा मारकर 20 रुपए से ज्यादा नगद राशि तथा कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किया था। ईडी के अनुसार अर्पिता के घर से पार्थ चटर्जी के कार्यालय का लिफाफा तथा शिक्षक भर्ती से संबंधित फॉर्म आदि जब्त किए गए। मालूम हो कि वर्ष 2021 तक पार्थ चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे। उन्हीं के कार्यकाल में शिक्षकों की भर्ती के दौरान एक बड़ा घोटाला हुआ था जो अब उजागर हुआ है। ईडी ने मंत्री पार्थ चटर्जी के एक और करीबी की जांच शुरू की है, जिसके पास दस फ्लैट मौजूद हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी ने अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने तथा कोर्ट द्वारा ईडी रिमांड देने के बाद चटर्जी बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गए थे। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पार्थ चटर्जी को मेडिकल जांच के लिए कोलकाता से भुवनेश्वर एम्स में भेजा गया। वहां जांच के बाद यह पता चला कि मंत्री को कोई ऐसी गंभीर बीमारी नहीं है, जिससे अस्पताल में भर्ती करना पड़े। जांच के बाद फिर मंत्री को फिर कोलकाता लाया गया, जहां उनसे पूछताछ कर रही है। मंत्री की सहयोगी अर्पिता बंगाली एवं ओडिशी फिल्म में नायिका की भूमिका में काम कर चुकी है। लेकिन पिछले कई वर्षों से वह फिल्म से दूर रही है। ईडी की जांच में यह पता चला है कि अर्पिता 12 फर्जी कंपनियां चला रही है। इसके बारे में भी जांच चल रही है। इस घटना ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। जांच आगे बढऩे के साथ इसकी आंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच सकती है। जांच के दौरान और कई हस्तियों के नाम उजागर हो सकते हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा को ममता सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। आजकल राजनीति में भ्रष्टाचार की पैठ काफी गहरी हो चुकी है। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लंबी पूछताछ हो चुकी है। सोनिया गांधी से पूछताछ अभी भी जारी है। इस मामले में भी हेराफेरी का आरोप लगा है। कोर्ट के आदेश पर ईडी जांच कर रही है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय उनके ऊपर लगे आरोपों की भी छानबीन कर रही है। किसी बी वक्त उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में आम आदमी पार्टी तथा भाजपा एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में भी मनी लांड्रिंग का मामला सामने आया है, जिसकी जांच चल रही है। ईडी ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें एसोसिएशन के फंड से 51.90 करोड़ रुपए निकालने का आरोप है। इस मामले की जांच भी सीबीआई और ईडी मिलकर कर रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला वर्ष 2001 से 2012 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। इसलिए उनसे भी अब आगे और पूछताछ होने वाली है। पश्चिम बंगाल की घटना ने ममता सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। अब देखना है कि आगे और कौन-कौन बड़ी हस्तियां इसमें फंसती हैं।
शिक्षक भर्ती घोटाला
