असम विधानसभा चुनाव के शुरुआती दौर से ही आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख मौलाना बदरूद्दीन अजमल और उनके अन्य नेताओं द्वारा विवादित बयानों से कांग्रेस के सामने मुश्किलें उठानी पड़ रही है। हाल ही में बदरूद्दीन अजमल चुनावी सभा के मंच पर ही असमिया गामोछा को फेंकते नजर आए जिसके कारण काफी विवाद खड़ा हो गया। वहीं अजमल के पुत्र अब्दुल रहीम अजमल ने भवानीपुर में आयोजित चुनावी सभा के दौरान सार्वजनिक रूप से बांग्ला भाषा में कहा कि इस बार असम विधानसभा चुनाव में एआईयूडीएफ तथा कांग्रेस गठबंधन की जीत होगी और पहली बार दिसपुर में दाढ़ी, टोपी और लूंगी की सरकार बनने जा रही है। वह पूरे जोश में आकर वहां की जनता को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि एआईयूडीएफ पर भाजपा ने लगातार सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगा रही है। अजमल का भाषण सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया है। इससे महागठबंधन का काफी नुकसान होने की संभावना भी जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा की पूरी टीम इस तरह के बयानों को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है और अब्दुल रहीम ने भाजपा गठबंधन को बैठे-बैठाए एक नया मुद्दा दे दिया है। इस बयान के सिलसिले में अब्दुल रहीम अजमल ने पूर्वांचल प्रहरी को बताया कि हमने सभी जाति-धर्म के लोगों की सरकार बनने की बात कही थी, लेकिन मेरे बयानों को मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि असम की धरती पर सांप्रदायिक राजनीति की कोई जगह नहीं है। हम सभी नेताओं को जात-पात की राजनीति से ऊपर उठकर असम के विकास के लिए काम करना होगा।
असम में इस बार दाढ़ी,टोपी और लूंगी की बनेगी सरकार : एआईयूडीएफ
