गुवाहाटी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने सक्रिय बिजली वितरण नेटवर्क के लिए अनुकूलन नियंत्रण दृष्टिकोण विकसित किया है जो फोटोवोल्टिक (पीवी) बिजली उत्पादन और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग केंद्रों का समन्वित संचालन सुनिश्चित कर सकता है। अनुसंधान रिपोर्ट हाल में प्रतिष्ठित पत्रिका सस्टेनेबल एनर्जी, ग्रिड्स एंड नेटवक्र्स में प्रकाशित हुई है। आईआईटी की एक विज्ञप्ति में मंगलवार को यहां कहा गया कि यदि इन वाहनों को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित हो तो इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिरता को बढ़ाया जा सकता है। विज्ञप्ति में कहा गया है। हालांकि, सौर ऊर्जा में ठहराव होता है जिससे बिजली वितरण नेटवर्क में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या होती है। इसके अलावा, ईवी चार्जिंग वर्तमान में असंगठित है, जिसका नतीजा वितरण नेटवर्क की कम वोल्टेज के रूप में निकलता है और संबंधित क्षमता हानि होती है। इसमें कहा गया कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और ईवी विद्युत स्रोत से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए बिजली वितरण प्रणाली के वास्ते एक समन्वित नियंत्रण दृष्टिकोण की आवश्यकता है। विज्ञप्ति में कहा गया कि अनुसंधान टीम ने ईवी और अन्य उपकरणों की चार्जिंग को नियत करने के लिए त्रि-चरण मॉडल सूचक नियंत्रण (एमपीसी) दृष्टिकोण विकसित किया है। अग्रणी अनुसंधानकर्ता डॉ. संजीब गांगुली ने कहा कि हमने क्रमश: उच्च पीवी जनरेशन और उच्च ईवी चार्जिंग के कारण ओवर-वॉल्टेज तथा अंडर-वोल्टेज समस्याओं को कम करने के लिए बिजली वितरण नेटवर्क का एक अनुकूलन-आधारित समन्वित वोल्टेज नियंत्रण दृष्टिकोण विकसित किया है।