मालीगांव : असम के डिमा हासाओ जिले में भू-स्खलन के कारण हुए भारी नुकसान के बाद कुछ हद तक समग्र स्थिति सामान्य हो गई है। कार्य प्रक्रिया में बाधक बनी बारिश के बावजूद पूसी रेल ने लक्षित समय सीमा के भीतर पहाड़ी खंड में मरम्मत कार्य पूरी कर ली। मालगाड़ी सेवाओं के शुरू होने के साथ पूर्वोत्तर के दक्षिणी भाग से आवाजाही के लिए पूर्ण रेल संपर्क शीघ्र पुनर्बहाल शुरू होगी। रेलवे ने क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत और ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने के अपने सभी प्रयास किए हैं। रेल मंत्रालय ने असम में बाढ़ से तबाह डिमा हासाओ जिले में क्षतिग्रस्त रेल लाइनों के मरम्मत के लिए 180 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा के बीच चर्चा के बाद यह राशि मंजूर की गई थी। केन्द्रीय रेल मंत्री ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि 10 जुलाई, 2022 तक पहाड़ी खंड में रेल सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। पूसी रेल की टीम ने दक्षिण असम, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम के लिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया। 8 जुलाई तक सभी प्रभावित स्थानों पर इंजन का ट्रॉयल रन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। पूसी रेल ने रेलवे के इंजीनियरों, अधिकारियों और कर्मचारियों के कुशल दल के नेतृत्व में मानव, सामग्री और मशीनरी को जुटाकर विभिन्न संगठनों के समन्वय और सहयोग के साथ युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य पूरा कर लिया है। पूसी रेल की तकनीकी टीम, जिसे इस खंड की त्वरित बहाली के लिए तैनात की गई थी, इलाके से अच्छी तरह वाकिफ थी और दिन-रात कार्य करती थी, जिसके परिणामस्वरूप एक रिकॉर्ड समय सीमा में उक्त कार्य पूरा हो गया है। यह उल्लेखनीय है कि मई के दूसरे सप्ताह के शुरुआत में मूसलाधार बारिश और बड़े पैमाने पर भू-स्खलन के कारण, लामडिंग मंडल के लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में लगभग 85 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। इस खंड में 61 से अधिक स्थानों को क्षति पहुंची थीं, जिसके परिणामस्वरूप 14 मई, 2022 से पहाड़ी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के कुछ हिस्सों के लिए रेल संचार बाधित हो गया था। इस तरह की बड़ी प्राकृृतिक आपदाओं से निपटने के दौरान पूसी रेल द्वारा किए गए मरम्मत कार्य भारतीय रेल में अब तक की सबसे तेज गति का कार्य है।