चुनाव आयोग ने नेडा संयोजक तथा भाजपा नेता हिमंत विश्वशर्मा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) प्रमुख हग्रामा महिलारी के खिलाफ कथित तौर पर धमकी भरी टिप्पणियां करने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग की ओर से हिमंत को दो अप्रैल शाम पांच बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। मालूम हो कि कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था कि शर्मा ने महिलारी को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को लगाकर जेल भिजवाने की धमकी दी थी। बीपीएफ कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है,जबकि वह पहले भाजपा गठबंधन के साथ थी। नेडा संयोजक हिमंत ने जिस अंदाज में हग्रामा को धमकी दी थी उससे अंतिम चरण के चुनाव के दौरान माहौल खराब होने की आशंका भी जताई गई। उल्लेखनीय है कि तीन चरण में विधानसभा चुनाव होना है। पहले दौर का मतदान 27 मार्च को हुआ था,जबकि दूसरे दौर का मतदान 1 अप्रैल को खत्म हुआ। अंतिम चरण का मतदान छह अप्रैल को होगा। मंत्री शर्मा को भेजे गए नोटिस में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अपुष्ट आरोप लगाने से परहेज करने,भ्रष्ट आचरण से बचने, मतदाताओं को रिश्वत देने,मतदाताओं को डराने जैसे अपराधों से बचने सहित चुनाव आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों को पालन करने का जिक्र किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि आयोग का प्रथमदृष्टया मत है कि शर्मा ने आदर्श आचार संहिता के उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है, इसमें  मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को उपलब्ध कराई गई भाषण की प्रति का भी हवाला दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने हिमंत पर प्रहार करते हुए भाजपा को घेरने की कोशिश की। साथ ही हिमंत के बहाने विपक्ष को भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। अब देखना यह होगा चुनाव आयोग को शर्मा क्या जवाब देते हैं और आयोग की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई की जाती है या नहीं।