वर्तमान समय में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। यह समस्या प्रत्येक देश में है,चाहे वो विकसित हो या विकासशील। दुनिया के पूर्ण विकसित देशों- अमरीका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस तथा जर्मनी आदि में बेरोजगारी एक आर्थिक मंदी की आकृृति से बनकर समस्या के रूप में पनप रही है। विकासशील देशों भारत, ब्राजील, चीन, पाकिस्तान एवं अन्य दक्षिण एशियाई देशों में बेरोजगारी को समस्या के दर्पण से देखें तो स्थिति अति भयावह है। इन देशों में बढ़ती जनसंख्या ने बेराजगारी को विस्फोटक स्थिति में खड़ा कर दिया है। खासतौर पर कोरोना और रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया में मंदी है और आर्थिक संकट की स्थिति है। खुशी है कि इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र व भाजपा की राज्य सरकारें ठोस कदम उठाने की दिशा में बढ़ रही हैं। उल्लेखनीय है कि बेरोजगारी विगत कई विधानसभा चुनावों में युवाओं के बीच एक गंभीर मुद्दा रही है और अगले साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव तथा 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। वर्ष के अंत में गुजरात व हिमाचल राज्यों के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों ने युवाओं की सुध लेते हुए कुछ क्रांतिकारी कदम उठाकर एक साथ कई लक्ष्य साधने के प्रयास किए हैं। केंद्र सरकार ने बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए सरकारी नौकरियों में बैकलाग भरने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगले डेढ़ साल में मिशन मोड में 10 लाख भर्तियां की जाएं। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार 40 लाख केंद्रीय पदों में फिलहाल नौ लाख स्वीकृृत पद खाली हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा महाभियान होगा क्योंकि पिछले कई दशकों से सरकार में इतने बड़े पैमाने पर भर्तियां नहीं हुई हैं। इस महाभियान में एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित पद भी भरे जाएंगे। इस महाभियान के अंतर्गत रेलवे भी अगले एक साल में 1,48,463 लोगों की भर्ती करेगा। इस महाभियान के माध्यम से युवाओं में छाई हुई निराशा को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने सेना को युवा बनाने के उद्देश्य से अग्निपथ नाम से एक नई योजना की घोषणा कर दी है। यह सेना में भर्ती का सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है। सेना में भर्ती के लिए अंग्रेजों के जमाने से चले रहे कानूनों व नियमों को समाप्त कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 10वीं और 12वीं पास 17 से 21 वर्ष की आयु के 86,000 युवाओं को भर्ती किया जाएगा। इसमें आठवीं पास को भी शामिल किया गया है। योजना में छह माह की ट्रेनिंग और उसके बाद चार साल की सेवा के बाद उन्हें 11.71 लाख रुपए का करमुक्त सेवा निधि पैकेज भी मिलेगा। भर्ती अखिल भारतीय चयन समिति के तहत होगी। इस योजना में भर्ती होने वाले सभी युवाओं को देशभर में हर जगह नियुक्त किया जाएगा तथ इस योजना में सेना के तीनों अंग जल, थल एवं नभ शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार और राज्य सरकारें बेरोजगारी को दूर करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। यद्यपि कुछ रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि योजना में मात्र छह महीने की ट्रेनिंग एक कुशल सैनिक तैयार करने के लिए अपर्याप्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि लीक से हटकर किया गया यह निर्णय बेहद खतरनाक भी हो सकता है और पूरी तरह से प्रशिक्षण न मिलने पर एक सैनिक किसी के भी जीवन को खतरे में डाल सकता है। बावजूद इसके हम इस बात से कतई इनकार नहीं कर सकते कि उच्च तथा प्रौद्योगिकी शिक्षा के संस्थानों के अभाव में कुशल श्रम शक्ति की भारी कमी है। वहीं दूसरी ओर सामान्य शिक्षा प्राप्त श्रमजीवी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। उच्चतम कुशल श्रम शक्ति का योग्यतानुसार कारण न मिलने से विदेशों की ओर पलायन हो रहा है। सरकार मूकदर्शक भर बनी हुई है। यूं तो बेरोजगारी के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन हमारे देश में बढ़ती जनसंख्या,आर्थिक सम्पन्नता की कमी,शिक्षा का अभाव, रोजगारपरक शिक्षा एवं संबंधित संसाधनों की कमी तथा लघु एवं कुटीर उद्योग धंधों की समाप्ति आदि को प्रमुख कारण माना जा सकता है। हमारे देश में बढ़ती जनसंख्या को बेरोजगारी की जननी माना जा सकता है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार आने वाले समय में इस समस्या को जड़-मूल से समाप्त करने के लिए प्रयास करेगी।
सरकार और बेरोजगारी
