गुवाहाटीः असम की प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में अधिकाधिक जिले आ गए है, जिसके चलते मानव के साथ वन्य प्राणी भी परेशान है, साथ ही मानव के साथ वन्य प्राणियों भी असमय काल की गाल में समा रहे है। असम के काजीरंगा राष्टीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) करीब 15 फीसदी हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब गया है। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि रिपोर्ट के अनुसार काजीरंगा में कुल 49 वन शिविर हैं। 430 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में शनिवार को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से गुजरने वाले एनएच 37 में तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से कम से कम चार जानवरों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन हिरण और एक तेंदुआ था। बाढ़ के मौसम में जानवर आमतौर पर उच्च भूमि की तलाश में या शरण लेने के लिए कार्बी आंगलोंग की पहाड़ियों में जाने के लिए एनएच 36 को पार करते हैं। हैरानी की बात यह है कि पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले सभी वाहनों के लिए अधिकारियों द्वारा 40 किमी प्रति घंटे की गति सीमा निर्धारित करने के बावजूद पार्क क्षेत्र में वाहन की चपेट में आने से जानवरों की मौत जारी है। इससे पहले भी बारिश के मौसम में केएनपी के नौ नामित पशु गलियारों को पार करने वाले जानवरों की दुर्घटना मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश के मद्देनजर, वन विभाग ने एनएच पर तेज रफ्तार वाहनों को ट्रैक करने के लिए पशु सेंसर कैमरे लगाए हैं,जो नाकाफी साबित हो रहे है।