बाढ़, भूस्खलन व भूकटाव दरअसल असम की नियति बन गई है। देश में सबसे पहले असम में ही बाढ़ आती है। यह राज्य लंबे अरसे से बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है। खासतौर पर गुवाहाटी में कृत्रिम बाढ़ की समस्या कोई नई नहीं है। महज दो घंटे की मूसलाधार बारिश से महानगर का स्वरूप बदल जाता है। हाल के दशकों में स्थिति लगातार बदतर हुई है। इसके लिए पेड़ों की कटाई , राज्य की भौगोलिक स्थिति, अरुणाचल प्रदेश और उससे सटे तिब्बत में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों पर बड़े पैमाने पर बांधों के निर्माण के अलावा तेजी से बढ़ते शहरीकरण को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। साल में कई दौर की बाढ़ से राज्य में जान और माल का भारी नुकसान होता है। भारत, तिब्बत, भूटान और बांग्लादेश यानी चार देशों से गुजरने वाली ब्रह्मपुत्र नदी असम को दो हिस्सों में बांटती है। इसकी दर्जनों सहायक नदियां भी हैं। तिब्बत से निकलने वाली यह नदी अपने साथ भारी मात्रा में गाद लेकर आती है। वह गाद धीरे-धीरे असम के मैदानी इलाकों में जमा होता रहता है। इससे नदी की गहराई कम होती है। इससे पानी बढ़ने पर बाढ़ और तट कटाव की गंभीर समस्या पैदा हो जाती है। पर्यावरणविदें का कहना है कि पहाड़ियों से आने वाला पानी ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ा देता है। यही वजह है कि राज्य में बाढ़ की समस्या साल-दर-साल गंभीर हो रही है। इसके अलावा भौगोलिक रूप से असम ऐसे जोन में है जहां मानसून के दौरान तो देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले ज्यादा बारिश होती है। उल्लेखनीय है कि भारत के अधिकांश हिस्से जहां भयावह गर्मी से जूझ रहे हैं वहीं पूर्वोत्तर इलाके में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है। लगातार भारी बारिश के बीच गुवाहाटी में भूस्खलन के कारण चार लोगों की जान चली गई है। इस घटना ने पहाड़ी इलाकों में रह रहे लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। गुवाहाटी में कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग अपनी जान जोखिम में डालकर जिंदगी गुजार रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी शहर में सोमवार रात से हो रही भारी बारिश से पानी भर गया। सड़कों और उप-सड़कों में पानी भर जाने के कारण शहर के निवासियों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। जिला प्रशासन ने नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का भी आग्रह किया है। भूस्खलन और बाढ़ वाले क्षेत्रों में प्रशासन ने गुवाहाटी के निवासियों के लिए आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए एक हेल्प लाइन नंबर भी शुरू किया है। कामरूप महानगर जिला प्रशासन ने संभावित बारिश के कारण गुवाहाटी में सभी सार्वजनिक और निजी शिक्षण संस्थानों को बंद घोषित कर दिया। हालांकि पहले से घोषित परीक्षा कार्यक्रम वाले संस्थानों को बंद करने से छूट दी गई। भारी बारिश के कारण राज्य में दूसरी बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है और इससे सर्वाधिक प्रभावित स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर गुवाहाटी महानगर प्रभावित हुआ है। इसके कारण महानगर के कई इलाकों में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसके कारण सरकार और जिला प्रशासन के प्रति लोगों के मन में रोष भी है। इसी बीच कृत्रिम बाढ़ के खिलाफ राज्य की सबसे प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस और पुलिस के बीच संघर्ष की खबर है,जिसमें एक पुलिस के शीर्ष अधिकारी के घायल होने की बात कही जा रही है,यह ठीक नहीं है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए पक्ष-विपक्ष को मिलकर काम करने की जरूरत है, वैसे भी यह समस्या आज की नहीं है।