रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है,वैसे-वैसे दुनिया पर विश्व युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। आमतौर पर माना जा रहा है कि फिलहाल भारत पर इस युद्ध का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ रहा है, परंतु हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि अमरीकी प्रतिबंधों के कारण कई सामग्री की कमी पड़ गई है,उसका सीधा असर पर संबंधित ट्रेड पर पड़ रहा है। ऐसे में यह कहना कि इस युद्ध के प्रभाव से भारत वंचित है,पूरी तरह सही नहीं है। इसी कड़ी में विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान में कमी की है। यूक्रेन युद्ध के कारण सामान की आपूर्ति में आ रही बाधाओं और मुद्रास्फीति में वृद्धि की आशंकाओं ने पूरे दक्षिण एशिया की वृद्धि दर को खतरे में डाल दिया है। विश्व बैंक ने अपने पूर्वानुमान जारी करते हुए भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया की वृद्धि दर में कमी कर दी। पहले विश्व बैंक ने अनुमान जताया था कि भारत इस वित्त वर्ष में 8.7 फीसदी की दर से विकास करेगा लेकिन इसमें कमी करते हुए इसे 8 प्रतिशत कर दिया गया। अफगानिस्तान को छोडक़र बाकी दक्षिण एशिया की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है। बैंक ने कहा कि भारत में महामारी के बाद श्रम बाजार की पूरी तरह वापसी नहीं हो पाई है और मुद्रास्फीति का दबाव भी अर्थव्यवस्था पर बना हुआ है। यूक्रेन युद्ध के कारण खाने की चीजों और ईंधन के ऊंचे दाम लोगों की असली आय पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालेंगे। दक्षिण एशिया पर केंद्रित अपनी छमाही रिपोर्ट में वल्र्ड बैंक ने भारत के बारे में कहा कि विदेशी निवेशक अक्तूबर 2021 से ही भारतीय बाजार छोडक़र जा रहे हैं क्योंकि अमरीकी फेडरल रिजर्व ने मौद्रिक सख्ती बरती है। पूर्वी यूरोप में हालिया घटनाओं ने पूंजी के निकास को और तेज कर दिया है जिससे भारतीय रुपया कमजोर हुआ है। बैंक ने कहा कि ऐसे हालात में सरकार को समझदारी से पारदर्शी नीतियां बनाने पर ध्यान देना होगा। हालांकि वल्र्ड बैंक ने माना है कि रूस और यूक्रेन युद्ध का सीधा असर भारत और दक्षिण एशिया के अन्य बैंकों पर बहुत कम है। रिपोर्ट कहती है कि हालांकि किसी भारतीय बैंक में रूस की हिस्सेदारी नहीं है,लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक संयुक्तवेंचर के जरिए एक करोड़ डॉलर का खतरा बताया है,जो बैंक घरेलू आयात-निर्यात को समर्थन देते हैं, वे ट्रेड क्रेडिट देना बंद कर सकते हैं, इससे घरेलू कंपनियों का व्यापार प्रभावित होगा। वल्र्ड बैंक ने पाकिस्तान की मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर के पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है। जून में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की विकास दर को 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दक्षिण एशिया की ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता के कारण भारत और पाकिस्तान समेत पूरे इलाके की अर्थव्यवस्थाओं को विकास पर ध्यान देने की बजाए महंगाई काबू करने पर अपनी ऊर्जा लगानी पड़ रही है। इसी वजह से वल्र्ड बैंक ने मालदीव की विकास दर के अनुमान में भारी कटौती करते हुए उसे 11 फीसदी से कम करके 7.6 फीसदी कर दिया है। बैंक ने कहा कि रूस और यूक्रेन से पर्यटकों की आमद में कमी का असर मालदीव को झेलना होगा। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंकाकी मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर के अनुमान में मामूली वृद्धि की गई है। बैंक का अनुमान है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था 2.1 फीसदी की जगह 2.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी। हालांकि यह चेतावनी भी दी गई है कि इस पूर्वानुमान में बहुत अधिक अनिश्चितता है।
युद्ध का प्रभाव
