अलकायदा एवं आईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र खासकर असम में अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं। कई बार इन संगठनों की तरफ से भडक़ाऊ बयान भी आते रहते हैं। पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश में सक्रिय कट्टïरपंथियों के सहयोग से असम के चर इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ाने में लगी रहती हैं। हाल ही में असम पुलिस ने बरपेटा जिले के ढकलियापाड़ा स्थित मस्जिद के अरबी शिक्षक सैफुल इस्लाम उर्फ हारून रशीद सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे। पूछताछ के दौरान सनसनीखेज जानकारी सामने आई थी। इसके बाद इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने मिली जानकारी के आधार पर बरपेटा एवं बंगाईगांव जिले के 11 स्थानों पर छापेमारी की तथा जिहादी गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज जब्त किया। असम में अलकायदा से संबद्ध अंसारूल्लाह बांग्ला टीम काम कर रही है, जो अलकायदा के बेस को मजबूत करने में लगी हुई है। सैफुल इस्लाम वर्ष 2019 में अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया तथा बरपेटा के ढकलियापाड़ा मस्जिद में अरबी शिक्षक के रूप में काम करने लगा। जांच के बाद यह पता चला है कि सैफुल बच्चों को जिहादी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता था। असम में जिहादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सैफुल अंसार स्लीपर सेल चला रहा था। इस स्लीपर सेल के माध्यम वह चर इलाके में अलकायदा के लिए काम कर रहा था। असम के चर इलाके में पहले से ही कई कट्टïरपंथी संगठन सक्रिय रहे हैं। समय-समय पर उनकी गिरफ्तारी भी होती रही है। एनआईए द्वारा इस मामले को हाथ में लेने से उम्मीद है कि पूरी जानकारी सामने आएगी। एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि इनकी गतिविधियों के पीछे और कौन-कौन-से लोग सक्रिय हैं। जिहादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे लोगों को कहां से वित्तीय सहायता मिल रही है? पिछले कुछ वर्षों के दौरान असम सहित पूर्वोत्तर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। कई संगठनों के साथ समझौते भी हो चुके हैं, जबकि कुछ संगठन शांति-वार्ता के दौर में हैं। अल्फा(आई) जैसे आतंकी संगठन भी संघर्षविराम की घोषणा कर शांति-वार्ता की मेज पर आने का संकेत दे चुके हैं। अल्फा(आई) सुप्रीमो परेश बरुवा तथा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा भी सकारात्मक बयान देकर यह संकेत दे चुके हैं कि दोनों पक्ष सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। असम से आतंकी गतिविधियां खत्म होने से विकास की गति तेज होगी तथा एक नया अध्याय शुरू होगा। लेकिन राज्य में बढ़ती जिहादी गतिविधियां गंभीर चिंता का विषय है। कुछ शक्तियां पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत से अलग करने के लिए सक्रिय हैं। ऐसी शक्तियों के प्रति सावधान रहना होगा। बांग्लादेश में भी कट्टïरपंथियों का एक बड़ा वर्ग सक्रिय है, जो अलकायदा एवं आईएस के साथ जुड़ा हुआ है। भारत को इस बारे में सतर्क रहना होगा। सीमा पार से होने वाले घुसपैठ पर कड़ी नजर रखनी होगी। उम्मीद है कि एनआईए की जांच में पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो जाएगा।
असम में जिहादी गतिविधियां
