सूरज पर एक जबरदस्त विस्फोट ने साइंटिस्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। सूरज पर 3 अप्रैल को हुए जबरदस्त विस्फोट के कारण एक जोरदार सोलर स्टॉर्म (सौर तूफान) पैदा हुआ है। जोरदार मैग्नेटिक इफेक्ट वाला यह सोलर स्टॉर्म आज या कल (गुरुवार) तक धरती से टकरा सकता है, जिससे पृथ्वी के वातावरण में तब्दीली आने के साथ ही तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में खराबी आने का खतरा है। खासतौर पर पृथ्वी की कक्षा में घूम रही तमाम सैटेलाइट्स ठप हो सकती हैं। स्पेस वैदर की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल, सूरज पर एक बेहद गहरी आग की घाटी में विस्फोट हुआ है, जिससे सोलर प्लाज्मा की लपटें तेजी से निकली हैं और पूरे अंतरिक्ष को प्रभावित कर रही हैं। जिस तरह सॉलिड, लिम्डि और गैस मैटर के स्टेट होते हैं, उसी तरह प्लाज्मा भी मैटर का स्टेट है। इस मैटर में इलेक्ट्रॉन्स न्यूक्लियस के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं। सूरज प्लाज्मा से ही भरा हुआ है। सूरज के जिस पॉइंट से प्लाज्मा निकल रहा है, वैज्ञानिकों ने उसका नाम ‘कैन्यन ऑफ फायर’ यानी ‘आग की घाटी’ रखा है। स्पेस वेदर वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कम से कम 20 हजार किलोमीटर गहरी और 10 गुनी लंबी है। ब्रिटेन के वेदर फोरकास्टर मेट ऑफिस के अनुसार, आग की घाटी सूरज के साउथ सेंट्रल पार्ट में मौजूद है। सैटेलाइट्स और ग्राउंड टेलीस्कॉप्स दोनों ही यहां हुए विस्फोटों को कैप्चर करने में कामयाब साबित हुए। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूरज पर पहला विस्फोट 3 अप्रैल और दूसरा विस्फोट 4 अप्रैल को हुआ था। इनका रेडिएशन धरती तक भी पहुंच सकता है। अगर ऐसा होता है तो 7 अप्रैल यानी गुरुवार को सूरज से आ रहा जियोमैग्नेटिक तूफान धरती को प्रभावित करेगा। इससे पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में घूम रहे सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं और उनका कनेक्शन टूट सकता है। जियोमैग्नेटिक तूफान धरती की मैग्नेटिक फील्ड को गड़बड़ करने वाली आपदा है। इससे पृथ्वी के आसपास के वातावरण की ऊर्जा पर असर पड़ता है। इस घटना के लिए नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के स्पेस वेदर प्रिडेक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) ने भी चेतावनी जारी की है। एनओएए ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा है कि इस घटना के कारण 6 या 7 अप्रैल को माइनर जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म देखने के लिए मिल सकता है।