यूक्रेन युद्ध की बहुत बुरी मार कंप्यूटर उद्योग पर पड़ रही है। दुनिया के जाने-माने कंप्यूटर ब्रांडों ने इस वर्ष की अपनी आमदनी और मुनाफे के अनुमानों में कटौती शुरू कर दी है। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि दो साल तक कोरोना महामारी के कारण यह उद्योग परेशान रहा। अब जबकि मांग बढ़ रही थी, यूक्रेन युद्ध ने सप्लाई चेन संबंधी नई रुकावटें पैदा कर दी हैं। साल 2020 में जब पूरी दुनिया पर कोरोना का साया पड़ा, शुरुआती महीनों में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढऩे की वजह से कंप्यूटरों की मांग बढ़ी। लेकिन बाद में यह उद्योग सप्लाई चेन में आई रुकावट का शिकार हो गया। अब यूक्रेन पर रूस के हमले ने भी वही स्थिति पैदा कर दी है। इसे देखते हुए एचपी, डेल, और असुस्टेक जैसी प्रमुख कंप्यूटर कंपनियों ने अपने सप्लायरों से कहा है कि वे अपना उत्पादन घटा दें। कंप्यूटर पुर्जों की सप्लाई करने वाली कुछ छोटी कंपनियों ने अप्रैल से जून की तिमाई के लिए पुर्जों के उत्पादन में 20 फीसदी तक कमी लाने का फैसला किया है। एचपी, डेल, लेनोवो, एसर और असुस्टेक जैसी कंपनियों को पुर्जे सप्लाई करने वाली एक कंपनी के एक ताइवानी अधिकारी ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- जून तक पर्सनल कंप्यूटरों का निर्यात काफी कम रहने की आशंका है। उस अधिकारी ने बताया कि कंप्यूटर के बाजार में 2020 में 13 फीसदी और 2021 में 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई। लेकिन इस साल संभव है कि ए वृद्धि एक अंक (सिंगल डिजिट) में ही रहे। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की बड़ी कंपनी एपल पहले ही आई-फोन एसई के ऑर्डर में गिरावट की जानकारी दे चुकी है। उसने कहा है कि यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नए लॉन्च हुए इस फोन की बिक्री 30 लाख तक कम रहने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री में गिरावट की एक बड़ी वजह रूस में उनका कारोबार बंद करना है। जिन कंपनियों ने ऐसा फैसला किया है, उनमें एचपी, डेल, एपल और सैमसंग शामिल हैं। वेबसाइट निक्कई एशिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एसर, असुस्टेक और एमएसआई ने भी रूस में अपना कारोबार रोक दिया है, हालांकि उन्होंने इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की है। 2021 में दुनिया भर में पर्सनल कंप्यूटरों की हुई कुल बिक्री में दो फीसदी हिस्सा रूस का था। वहां 70 लाख कंप्यूटर बिके थे।
रूस-यूक्रेन युद्ध का असर : बारह बज गया कंप्यूटर उद्योग का
