गुवाहाटी : गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) का चुनाव करीब आ गया है। इसके साथ ही जीएमसी की सक्रियता भी बढ़ गई है। जीएमसी के आयुक्त देवाशीष शर्मा के नेतृत्व में आयोजित गत 10 मार्च को नगर के उजान बाजार स्थित जीएमसी के प्रेक्षागृह में  टाउन वेंडिंग कमेटी की 18वीं बैठक आयोजित हुई थी,इस बैठक में असम स्ट्रीट वेंडर  एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जिसमें जीमसी के आयुक्त ने गुवाहाटी में 14,000 से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पहचान पत्र तैयार करने का निर्णय लिया है। इसी के साथ ही अगामी 31 मार्च से पहले 14,171 रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पहचान पत्र और वेंडिंग के प्रमाण पत्र निर्धारित करने और इसके वितरण के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्णय लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार  स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 के अनुसार एक सर्वेक्षण के बाद आईडी और प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। 2015 में जारी किए गए मौजूदा 105 आईडी कार्ड धारकों की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी।  जिसमें गुवाहाटी में हर रेहड़ी-पटरी वाले को स्थायी स्थान निर्धारित करने के लिए भू-मानचित्रण किया जाएगा। कथित तौर पर, जीएमसी उन्हें वर्दी प्रदान करने पर भी विचार कर रही है। हालांकि,असम के स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा है कि उनको प्रतिबद्ध निर्णयों के कार्यान्वयन के बारे में संशय है। जानकारी के अनुसार  2021 के सितंबर माह में  हुई पिछली टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में इसी तरह के वादे किए गए थे। जीएमसी ने हमें केवल 3 महीने के समय में 10 वेंडिंग जोन प्रदान करने का वादा किया था। लेकिन, आज तक एक भी बन नहीं पाया है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हाल के वादे हकीकत होंगे। मालूम हो कि इन दिनों गुवाहाटी के विभिन्न चौक चौराहों पर भारी संख्या में दुकानें सजने लगी हैं। ऐसे में ट्रैफिक समस्या और फुटपाथों पर अतिक्रमण की स्थिति बन जाती है, परिणामतः लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखकर जीएमसी ने स्ट्रीट वेंडरों को पहचान पत्र देने का निर्णय लिया है ताकि फुटपाथी दुकानदारों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाया जा सके। परंतु स्ट्रीट वेंडरों संबंधित संगठन अपनी दुकानों के पंजीयन पर अड़े हैं। इसके साथ ही वे अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में आंदोलनरत हैं।