राज्य के 36 जिलों के 80 नगर निकाय के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारी जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया है कि उसकी लोकप्रियता बरकरार है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के लिए एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। मुख्यमंत्री तथा उनके पार्टी के नेताओं ने इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। 80 नगर निकायों के 977 वार्डों के लिए पिछले 6 मार्च को हुए मतदान में 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई थी। गौहाटी उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण सिलचर नगर निकाय का चुनाव नहीं हो पाया। इसी तरह गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) का चुनाव भी अप्रैल माह में होने की उम्मीद है। पहली बार नगर निकाय का चुनाव ईवीएम से कराया गया। राज्य चुनाव आयोग ने 2054 बूथों पर हुए मतदान के लिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी। राज्य के 80 नगरपालिका बोर्डों में से 75 पर भाजपा तथा दो बोर्डों पर भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (अगप) ने कब्जा जमाया है। दो नगरपालिका बोर्डों पर निर्दलीयों तथा एक पर कांग्रेस ने अपनी पकड़ बनाई है। मतगणना के दौरान राज्य के 977 निकायों में से 742 पर जीत दर्ज कर भाजपा ने विपक्षी दलों को काफी पीछे छोड़ दिया है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अगप ने 65 तथा कांग्रेस ने 71 सीटों पर विजय हासिल की है। आम आदमी पार्टी ने पहली बार इस चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज कर अपना खाता खोला है। इस चुनाव में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। जोरहाट को छोड़कर बाकी जगहों पर कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। मालूम हो कि इस चुनाव में भाजपा ने 825 सीटों, कांग्रेस ने 706 सीटों तथा अगप ने 243 सीटों पर प्रतिद्वंद्विता की थी। अगर सीटों के हिसाब से देखें तो कांग्रेस का प्रदर्शन अपनी नाकामयाबी खुद ब खुद बयां कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा के बयान से बिल्कुल स्पष्ट हो रहा है। भाजपा के प्रदर्शन से मुख्यमंत्री शर्मा गद्गद् हैं। उन्होंने इस जीत के लिए राज्य की जनता को धन्यवाद दिया है। राइजर दल तथा वामपंथी पार्टियों ने भी इस चुनाव में प्रतिद्वंद्विता की थी, किंतु इनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इस चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के कारण रोडशो तथा रैलियों पर शुरुआती प्रतिबंध था। वर्तमान चुनाव परिणाम से भाजपा का मनोबल निश्चित रूप से बढ़ा है। माजुली में विधानसभा उपचुनाव हो चुके हैं। उसका भी परिणाम 10 मार्च को आने वाला है। भाजपा अब गुवाहाटी नगर निगम पर कब्जा करने के लिए रणनीति बनाने की पहल शुरू कर देगी, क्योंकि जीएमसी का अपना महत्व है। कांग्रेस के लिए इस चुनाव को लेकर निश्चित रूप से आत्ममंथन करने का समय है। पार्टी को गुटबाजी से बाहर निकल कर काम करने की जरूरत है, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं में नया उत्साह आ सके। जोरहाट का उदाहरण कांग्रेस के सामने है। कांग्रेस नेता राणा गोस्वामी की पहल से जोरहाट में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। राइजर दल,असम जातीय परिषद एवं वाम दलों का लचर प्रदर्शन चिंता का विषय है। कुल मिलाकर नगर निकाय का चुनाव भाजपा एवं उसके सहयोगी दल के लिए टॉनिक के समान है।