'बम फोड़ा, नाटो तेरे लिए'
रामविलास जांगिड़-
नाटो ने मुझे साफ कह दिया है कि तुम्हें ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। कौन-सी ईंट कौन-सा सवाल? कौन-सा पत्थर कौन-सा बवाल? मैंने जब इसमें असमर्थता जताई तो उसने नाटो नियम की पींपनी बजाई और कहा- ‘नाटो विचारधारा का नियम तो यही है। ईंट की लेनी, तो पत्थर की देनी।’ मैंने जब ईंट और पत्थर के इस सियासी नियम के आदान-प्रदान पर असमर्थता जताई, तो नाटोधिपति ने इस बार ईंट से ईंट बजाने की कलहकारी नीति का ऐलान किया। मुझे आदेशित किया कि अगर नाटो में रहना है तो बस ईंट से ईंट बजाना है। ईंट से ईंट बजाते चलो नाटोधारा की शूल बिछाते चलो। मैंने कहा- ‘ईंट बजाने की बजाए इसे सजाकर अनुशासित तरीके से एक के ऊपर एक रख दिया जाए तो अच्छा-खासा मकान बन सकता है।’ आप बिल्कुल झंडू-बंडू टाइप के यूक्रेनी हैं। यहां ईंट से मकान नहीं बनाना है, बल्कि मकान में लगी ईंटें खिसकाना है। विरोधी का मकान ढहाना है। आप नाटो की विचारधारा को नहीं समझते! चिल्लाते हुए इस बार नाटो देव ने एक बड़ी सी ईंट उठाई और उसे स्व-नाटोधारा के कीचड़ में फेंक मारी। तभी नाटो विचारधारा के पास बैठी मक्खियों का झुंड रूस की ओर उड़ने लगा। नाटो विचार की धाराओं में मंडराते, गुलाम से लतियाते, बलखाते मच्छर गणों ने जोरदार कहकहा लगाया। इधर-उधर खड़े चार देवताओं ने नाटो का गाना सुनाया। जय नाटोकमान! तू है महान! तुझ पर यह जीवन कुर्बान!
धीरे-धीरे नाटो विचारधारा के कीचड़ में मक्खी-मच्छरों का सामूहिक अधिवेशन फिर शुरू हो गया। वे इसमें छपाक छई-छई करने लग गए। देवताओं की सामूहिक प्रस्तुति से नाटोकमान एकदम कड़क कमान में बदल गया। तब परिणाम में नाटो विचारधारा का मारा, रूस की ओर उछला कीचड़ आवारा! कीचड़ जब रशियन कमीज पर लगा तो चाइनी धन्य हो गया! चाइना भी अपने ढंग से तन गया। नाटो द्वारा सजाई गई कुर्सी का ख्वाब देखकर अमरीका कुर्सी पद न्यास की लालसा में खो गया। हे नाटो! लो मैं तेरा हो गया! मन सात समंदर डोल गया। जो तू नाटो से बोल गया। नाटो दुपट्टा कानों में मिश्री घोल गया। नाटो ने युद्ध रॉकेट यूक्रेन के आगे कर दिया। युद्ध सामने हो, मिसाइल मिल जाए, तो फिर क्या कहने! युद्ध में सन्नाई ईंट तो क्या! फिर पूरे युद्ध संग ही बहना। मुझे युद्ध में फेंकी गई ईंट का व्यवहार बहुत भाया। मैंने जवाब देने का मन बनाया। यूक्रेन ने ईंट को युद्ध क्षेत्र से उठाया और बतौर अभ्यास उसी युद्ध क्षेत्र पर फेंक मारा। यूक्रेन पर और शानदार बदबूदार काले-कलूटे छींटे उछले और उछलते ही गए। उसकी कमीज काले दाग का शानदार कोलाज बन चुकी थी। नाटो ने यूक्रेन की ओर देखा और नाटो हित में युद्ध में लगे दागों का स्तुति गायन किया। देखते ही देखते यूक्रेनी युद्ध क्षेत्र अपने-अपने ढंग से अपने-अपने देशों के अपने-अपने अन्याय, अत्याचार, स्वार्थ के झंडों से पट गया। युद्ध क्षेत्र से होता हुआ मिसाइल हमला इंडियन टीवी माता पर छा गया। यूक्रेन बदनाम हुआ, नाटो तेरे लिए! बम उछाला मैंने, नाटो तेरे लिए! नाटो हाईकमान ने जो ईंट युद्ध क्षेत्र में फेंकी थी, वही ईंट अब पूरे अमरीका में पूजा के योग्य बन गई है।
अजमेर (राजस्थान)
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