गुवाहाटी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी की प्रो. राखी चतुर्वेदी को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय तथा नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, अनुप्रयुक्त कला और गणित (एसटीईएएम) के क्षेत्र में शीर्ष 75 भारतीय महिलाओं में मान्यता दी गई है। भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजय राघवन और ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस द्वारा गत 3 मार्च को उक्त घोषणा की गई थी। स्टीम में 75 महिलाओं में से एक के रूप में चुने जाने बाद प्रो. चतुर्वेदी को पुस्तक शृंखला शी इज़ के दूसरे संस्करण शी इज़ -75 वीमेन इन स्टीम में सन्निविष्ट किया जाएगा। वर्तमान में, डॉ. राखी चतुर्वेदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं। उनके द्वारा इजाद किया गया टिश्यू कल्चर तकनीक बहुत ही कम समय में कृषि उपज (फसल, फल, सब्जियां, पेड़, आदि) के मूल्यवर्धन के अतिरिक्त लाभ के साथ बड़े पैमाने पर रोग मुक्त गुणवत्ता वाले वृक्षारोपण करके पूरे वर्ष का समय, मौसम और क्षेत्र की परवाह किए बिना कृषि उत्पादन पर जबरदस्त प्रभाव डाल सकती हैं। प्रयागराज (पहले इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश में जन्मी डॉ. चतुर्वेदी ने इविंग क्रिश्चियन कॉलेज, इलाहाबाद से बी.एससी.डिग्री, और इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से एम.एससी डिग्री हासिल की। बाद में वह दिल्ली चली गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, से एम.फिल. और पीएच.डी. की डिग्री हासिल की। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली, भारत में पोस्ट-डॉक्टरेट की पढ़ाई की। 2004 में आईआईटी गुवाहाटी में शामिल होने के बाद डॉ. राखी चतुर्वेदी अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला में शामिल रही हैं। उनके उच्च-प्रभाव वाले शोध निष्कर्ष सहकर्मी-समीक्षित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय में अपना काम प्रस्तुत किया है। प्रो. राखी वर्तमान में आईआईटी गुवाहाटी के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग की प्रमुख हैं और उन्होंने दस वर्षों से अधिक समय तक आईआईटी गुवाहाटी में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर बड़े पैमाने पर योगदान दिया है और अग्रणी राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी/सहयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। प्रो. राखी गिफू विश्वविद्यालय, गिफू, जापान में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। उन्हें प्लांट टिश्यू कल्चर एसोसिएशन-इंडिया (पीटीसीए-आई) द्वारा प्रो. एफ.सी. स्टीवर्ड मेमोरियल अवार्ड 2021; जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), नई दिल्ली, भारत और कैम्बि्रज विश्वविद्यालय, यूके द्वारा स्थापित फसल और कृषि विज्ञान 2016 में न्यूटन-भाभा अग्रणी महिला वैज्ञानिक पुरस्कार; इंडियन बॉटनिकल सोसाइटी (आईबीएस) द्वारा प्रो. वाईएस मूर्ति गोल्ड मेडल 2011 से नवाजे गए। वे राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (एनएएसआई) और प्लांट टिशू कल्चर एसोसिएशन-इंडिया (पीटीसीए-आई) और इंटरनेशनल प्लांट प्रोपेगेटर्स सोसाइटी (आईपीपीएस) की निर्वाचित सदस्य हैं और उन्हें ओसाका विश्वविद्यालय, जापान 2012 में यूनेस्को के एक महीने के प्रयोगशाला पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए भी चुना गया है।
शीर्ष 75 भारतीय महिलाओं में आईआईटी गुवाहाटी की महिला प्रोफेसर शामिल
