पिछले कुछ दिनों से चल रही तनातनी के बीच रूस ने यूक्रेन को सबक सिखाने के लिए उस पर तीन तरफ से हमला कर दिया है। इसको लेकर यूक्रेन में भय एवं अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। यूक्रेन ने हमले के बाद पूरे देश में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है। यूक्रेन के दो प्रांतों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को रूस द्वारा स्वतंत्र देश घोषित करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। रूस के लड़ाकू विमानों एवं मिसाइलों के हमले में काफी क्षति हुई है तथा यूक्रेन के पचास से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की खबर है। उधर यूक्रेन ने भी रूस के छह लड़ाकू विमानों को मारे जाने का दावा किया है। रूस ने यूक्रेन पर तीन तरफ से हमला बोल दिया है। रूस की सामरिक शक्ति के मुकाबले यूक्रेन काफी कमजोर है। यूक्रेन को उम्मीद है कि अमरीका एवं नाटो के देश रूसी हमले की स्थिति में मदद को आगे आएंगे। लेकिन अभी तक अमरीका एवं उसके सहयोगी देशों की तरफ से प्रतिबंधों एवं समर्थन के अलावा कुछ नहीं मिला है। नाटो ने रूस से तुरंत हमला बंद करने को कहा है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन पर पूरी तरह नियंत्रण चाहते हैं। रूस चाहता है कि यूक्रेन स्वतंत्र देश बना रहे, किंतु वहां उसकी समर्थक सरकार बने। पुतिन ने अमरीका एवं नाटो देशों को खुली चेतावनी भी दे दी है कि अगर कोई यूक्रेन को मदद करने को आया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। दोनों देशों के बीच शुरू हुआ युद्ध दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ धकेल सकता है। अब विश्व को अमरीका एवं नाटो देशों के अगले कदम पर नजर है। भारत चाहता है कि कूटनीतिक तरीके से समस्या का समाधान हो। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय राजदूत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने तथा बातचीत से मामला सुलझाने की अपील की है। भारत में यूक्रेन के राजदूत ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे इस बारे में पहल करें, क्योंकि पुतिन के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ बातचीत कर समस्या का हल करने की कोशिश की है। अगर यूक्रेन-रूस युद्ध आगे बढ़ा तो यूरोपीय देशों के साथ-साथ भारत के लिए भी समस्या पैदा हो जाएगी। रूस की तरफ से आपूर्ति होने वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस बंद होने से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी जिससे महंगाई बढ़ेगी। भारत की जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त है। भारत यूक्रेन से कूकिंग ऑयल, लोहा, स्टील, प्लास्टिक तथा अन्य केमिकल्स का आयात करता है। युद्ध की स्थिति में इन सब वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से आम जनता को परेशानी होगी। युद्ध का असर आज दुनिया के शेयर बाजारों पर देखने को मिला है। भारत में सेंसेक्स 2702 अंक टूटा जो इस वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट है। इसी तरह निफ्टी भी 815 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। शेयर बाजार धड़ाम होने से निवेशों को भारी नुकसान हुआ है। इससे पहले 23 मार्च 2020 को शेयर बाजार कोरोना काल में जबर्दस्त प्रभावित हुआ था जहां सेंसेक्स में 3934 अंकों की कमी आई थी। वर्तमान युद्ध का असर भारतीय अर्थ-व्यवस्था पर निश्चित रूप से पड़ेगा। जैसे-जैसे यह युद्ध आगे बढ़ेगा दुनिया दो खेमों में बंटती नजर आएगी। अगर नाटो की तरफ से यूक्रेन के पक्ष में हमला हुआ तो परमाणु युद्ध का भी खतरा पैदा हो जाएगा। रूस इस मामले में किसी भी हद तक जाने को तैयार दिख रहा है। लेकिन भारत सहित कुछ देश अभी भी कूटनीतिक तरीके मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं।
यूक्रेन पर हमला
