हिमंत सरकार ने 15 फरवरी से असम को कोरोना प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है। अब असम में कोविड-19 की रोकथाम के लिए जारी सभी प्रोटोकॉल खत्म हो गए हैं। राज्य सरकार ने फिलहाल मास्क पहनने, सैनिटाइजर का उपयोग करने तथा टीका लेने को अनिवार्य कर रखा है। मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि 15 फरवरी से असम में सभी प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा है कि असम देश का पहला राज्य है, जो सर्वप्रथम सामान्य बहाल करने में सक्षम हुआ है। सरकार की घोषणा के बाद आज से रात्रि कर्फ्यू हटा लिया गया है। सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक सभाओं या समारोहों के लिए जो संख्या सीमित की गई थी उसको भी हटा लिया गया है। अब सामाजिक एवं धार्मिक समारोहों एवं जनसभा में जितना भी लोग चाहें भाग ले सकते हैं। शिक्षण संस्थानों, सिनेमा हॉल को भी कोरोना प्रोटोकॉल से मुक्त कर दिया गया है। अब स्कूलों में विद्यार्थी ऑफलाइन शिक्षा ले सकते हैं। अब स्कूल तथा कॉलेजों में शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति रहेगी। सिनेमा हॉल भी खुल जाएंगे, जिससे इस धंधे से जुड़े लोगों के लिए रोजी-रोटी की समस्या दूर होगी। कोरोना काल में दूसरे बीमारी का इलाज कराने वाले मरीजों के सामने विकट समस्या पैदा हो रही थी। सरकारी तथा निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों को अपनी बीमारी दिखाने से पहले कोरोना टेस्ट से गुजरना पड़ता था। राज्य सरकार ने अब सरकारी एवं निजी अस्पतालों को अनिवार्य टेस्ट कराने से मुक्त कर दिया है, लेकिन स्वेच्छा से टेस्ट कराने के लिए व्यवस्था जारी रहेगी। अगर किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह स्वेच्छा से टेस्ट करा सकते हैं। कोरोना काल में बाहर से आने वाले यात्रियों को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों एवं अन्य जगहों पर अनिवार्य रूप से टेस्ट करवाना पड़ता था। सरकार के वर्तमान फैसले के बाद अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा। टेस्ट के नाम पर यात्रियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। बहुत से लोग टेस्ट की समस्या के कारण आना-जाना कम कर दिए थे। कई जगहों पर यात्रियों को विभिन्न कारणों से परेशान भी किया जाता था। असम में कोरोना की तीसरी लहर का गंभीर प्रभाव नहीं पड़ा। असम में कोरोना संक्रमण की संख्या 19 जनवरी को 8,339 पहुंच गई थी। कई दिनों तक संक्रमण संख्या 8000 के आसपास थी। अब यह संख्या घटकर 200 के आसपास है। संक्रमण दर में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। कोरोना प्रतिबंध हटने से जन-जीवन सामान्य होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी एवं विकास की गति तेज होगी।
कोरोना प्रतिबंध से मुक्ति
