अगरतला : त्रिपुरा के डारलोंग समुदाय को अब तक हलम समुदाय की एक उप-जनजाति के रूप में पहचाना जाता है और जल्द ही इसे एक अलग और स्वतंत्र जनजाति का दर्जा मिल जाएगा। केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस मुद्दे से संबंधित एक विधेयक संसद में पेश किया है। त्रिपुरा में कुल मिलाकर 19 आदिवासी समुदाय हैं और प्रत्येक जनजाति की अपनी विशिष्ट स्वदेशी विशेषताएं हैं। त्रिपुरी, रियांग, जमातिया, नोआतिया, उचाई, चकमा, मोग, लुसाई, कुकी, हलम, मुंडा, कौर, ओरंग, संताल, गांव, भूटिया, चैमल, गारो, खासी और लेप्चा कुल 19 की कुछ प्रमुख जनजातियां हैं।
त्रिपुरा : डारलोंग जनगोष्ठी को मिला स्वतंत्र जनजाति का दर्जा
