कांग्रेस नेताओं खासकर राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार पर संसद में किए गए तीखे हमले पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमला करते हुए कठघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। सोमवार को प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अब तक ‘फूट डालो, शासन करो’  की नीति पर चलकर देश का बंटाधार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को टुकड़े टुकड़े गैंग करार दे दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने 50 वर्ष के शासन में गरीबी हटाओ की जगह गरीबों को ही हटा दिया। भाजपा के शासन में गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को राज्यसभा में जवाब देते वक्त मोदी का रौद्र रूप देखने को मिला। उन्होंने अतीत से लेकर वर्तमान तक कांग्रेस को घेरने के लिए आरोपों की झड़ी लगा दी। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बिल्कुल नहीं थी। इस संदर्भ में उन्होंने स्वर साम्राज्ञी स्व. लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर, किशोर कुमार, मजरूह सुल्तानपुरी तथा प्रो. यशपाल का उदाहरण दिया, जिन्हें कांग्रेस सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण कार्रवाई का सामना करना पड़ा। मोदी ने आपातकाल तथा 1984 में हुए सिख दंगा का उदाहरण देते हुए कहा कि ये दोनों घटनाएं कांग्रेस शासन काल का धब्बा है, जिसको जनता कभी भूल नहीं सकती। देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू को भी मोदी ने आज नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि नेहरू की गलत नीति के कारण गोवा को आजाद कराने में 15 वर्ष लग गए। मोदी के कड़े प्रहार से नाराज होकर कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट किया। प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में दिए गए अपने भाषण से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश की है। 1984 के सिख दंगे, गोवा की आजादी मिलने में 15 वर्ष का विलंब तथा आपातकाल जैसे मुद्दे पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं गोवा के विधानसभा चुनाव को निश्चित रूप से प्रभावित कर सकते हैं। पांच राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। मालूम हो कि पांच राज्यों में से पंजाब को छोड़कर बाकी के चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर एवं गोवा में भाजपा की सरकार है। अतः पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का परिणाम केंद्र सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, किंतु विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका जरूर दे देगा। भाजपा नहीं चाहती है कि वर्ष 2024 से पहले विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का कोई मौका मिले। यही कारण है कि भाजपा ने पंजाब को छोड़कर बाकी राज्यों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मोदी के भाषण को भी इसी नजरिए से देखा जा सकता है।