दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत में भी कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है। कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रोन लगातार लोगों को चपेट में लेते जा रहा है। अमरीका जैसे विकसित देश में मंगलवार को एक दिन में 11 लाख नए केस सामने आए हैं। इसी तरह की स्थिति कई यूरोपीय देशों में भी है। भारत में अभी 8 लाख 21 हजार से ज्यादा सक्रिय मरीज चिकित्सारत हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले में 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों की संख्या एक लाख पहुंचने में 46 दिन लगे थे, जबकि तीसरी लहर के दौरान एक लाख का आंकड़ा केवल 11 दिन में पार कर गया। पिछले चार दिनों से भारत में रोजाना संक्रमितों की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा हो रही है। आज भी यह संख्या एक लाख 60 हजार से ज्यादा हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में संक्रमण की दर 25 प्रतिशत बताई गई है, जबकि पश्चिम बंगाल में 37.32 प्रतिशत की दर से कोरोना बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली, मुंबई एवं पश्चिम बंगाल में जनवरी के अंत तक संक्रमण पीक पर पहुंच जाएगा। देश के दूसरे भागों में फरवरी के प्रथम सप्ताह तक पीक पर पहुंचने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना के बारे में लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार दिशा-निर्देश जारी कर कोरोना पर काबू पाने के लिए सलाह दे रहा है। यात्रा करने वाले लोगों की जांच की जा रही है। अब रेलवे ने भी यह निर्णय लिया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों को ही ट्रेन में यात्रा की अनुमति दी जाएगी। असम सरकार भी कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए एसओपी जारी की है। नए एसओपी के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान रात 9 बजे तक ही खुले रहेंगे। एहतियात के तौर पर गुवाहाटी की स्कूलों में कक्षा-8 तक तथा राज्य के अन्य जगहों में कक्षा-5 तक पढ़ाई स्थगित कर दी गई है। असम में भी जिस तरह कोरोना तेजी से फैल रहा उसको देखते हुए कड़ा कदम उठाना जरूरी है। सरकार ने यह निर्देश दिया है कि किसी भी सभा में केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। वैक्सीन की डबल डोज नहीं लेने वाले लोगों को बिहू के बाद सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों में जाने पर रोक लगा दी गई है। मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। देश के दूसरे भागों की तरह असम में भी 15 से 18 आयुवर्ग के किशोरों को वैक्सीन देने का काम चल रहा है। फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को भी बूस्टर डोज देने का काम शुरू हो गया है। राज्य के अनेक शिक्षण संस्थानों तथा अन्य कई जगहों पर कोरोना तेजी से फैला है। इसके बावजूद ऐसा देखा जा रहा है कि गुवाहाटी सहित राज्य के विभिन्न भागों में लोग कोरोना प्रोटोकॉल की सरेआम धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। भीड़भाड़ वाले इलाके में भी आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के नजर आते हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। केवल एसओपी जारी करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसे कड़ाई से लागू भी करना पड़ेगा। साथ ही लोगों को जागरूक भी होना पड़ेगा।
कोरोना की तीसरी लहर
