पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता

गुवाहाटी : केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने गत 22 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में निष्पादन के लिए चार हाइड्रो सीपीएसयू, अर्थात नीपको, एनएचपीसी, टीएचडीसी और एसजेवीएन को 32,415 मेगावाट की कुल 29 पनबिजली परियोजनाएं आवंटित की हैं। देश के लिए निर्धारित ऊर्जा लक्ष्यों के संदर्भ में जल विद्युत का विकास अनिवार्य है। देश में सबसे अधिक जलविद्युत क्षमता वाले अरुणाचल प्रदेश में अब तक केवल 3 प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं परिचालित हैं। कुल 1115 मेगावाट क्षमता वाले इन तीनों पनबिजली संयंत्रों को नीपको द्वारा निष्पादित किया जाता है। इन 29 पनबिजली परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने के लिए अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने गुरुवार को नई दिल्ली में वीके सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नीपको,  एके सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी, आरके विश्नोय, सीएमडी, टीएचडीसी और नंद लाल शर्मा, सीएमडी, एसजेवीएन से एक बैठक की। डिप्टी सीएम ने सीएमडी को आश्वासन दिया कि उन्हें हर तरफ से समर्थन दिया जाएगा। बैठक में अरुणाचल प्रदेश सरकार के सलाहकार आर.डी. पालीवाल, सहित प्रशांत लोखंडे, आयुक्त (हाइड्रो पावर) और आरके जोशी, सी.ई. (हाइड्रो पावर मॉनिटरिंग) भी उपस्थित थे। नीपको 1976 से पूर्वोत्तर में काम करने वाला अग्रणी संगठन है और अब तक 2057 मेगावाट चालू कर चुका है। 29 आवंटित जलविद्युत परियोजनाओं में से नीपको  खुद 17 और एनएचपीसी के साथ संयुक्त उद्यम में और 2 का निष्पादन करेगी। नीपको के सीएमडी वीके सिंह ने नीपको के कर्मचारियों से प्रतिबद्धताओं की पुष्टि करने और एक जीवंत और उत्तरदायी संगठन के रूप में काम जारी रखने के लिए पेशेवर व उत्पादक संस्कृति अपनाने की अपील की है।