बदलते समय के साथ खान-पान में भी बदलाव आता जा रहा है। खान -पान के इस  बदलाव से  लोगों में कई तरह की बीमारी पैदा हो जाती है। इसी तरह की एक बीमारी मधुमेह है। मधुमेह की बीमारी होना आज लोगों में आम बात हो गई है। अगर मधुमेह बढ़ने का सिलसिला ऐसे ही रहा तो हमारा देश मधुमेह की राजधानी बन जाएगा। मधुमेह के रोगी अपने घर पर खुद से ही भिंडी को एक दवा की तरह इस्तेमाल में ला सकते हैं। रोगी को पता है कि अगर ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो गया तो इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ सकते हैं। इसके साथ ही डायबिटीज रोगी को मोटापे के कारण भी हो सकती है। ऐसे में भिंडी से एक खास नुस्खे के तौर पर आजमाकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर मधुमेह रोगी भिंडी की सूखी सब्जी खाते हैं तो ऐसा न करें। खासकर डायबिटीज के मरीज इसे कच्ची ही खाएं। इससे मधुमेह कंट्रोल में रहती है। भिंडी में मौजूद घुलनशील फाइबर डायबिटिक रोगियों की सेहत के लिए काफी बेहतर और लाभदायक माना गया है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए ऐसे करें भिंडी का इस्तेमाल। ऐसे बनाएं भिंडी का नुस्खाः दो भिंडी को अच्छी तरह से साफ कर लीजिए। अब इसके आगे और पीछे के हिस्से को काट दीजिए। इसमें से एक चिपचिपा सफेद तरल बाहर आएगा। इसे धोना नहीं है। रात के समय जब रोगी खाने के बाद सोने के लिए जाएं, तब इन कटी हुई भिंडियों को पानी के गिलास में डालकर रख दीजिए। सुबह जब  उठें, तो खाली पेट ही पानी में से कटी हुई भिंडी के टुकड़े को निकाल कर पानी को पूरा पी लें। अगर रोगी चाहते हैं कि उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे, तो ऐसा एक या दिन करने से काम नहीं चलेगा। इस प्रक्रिया को कम से कम दो-तीन महीनों के लिए लगातार फॉलो करना होगा। अगर रोगी टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित है तो इससे उनकी किडनी पर भी असर पड़ सकता है। भिंडी खाने से किडनी की समस्या दूर हो सकती है। अगर आपको डायबिटीज है, तो हर दिन भिंडी को जरूर अपने भोजन में शामिल करें। डॉक्टर डायबिटीज से पीड़ित लोगों को वैसे खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिए कहते हैं, जिसमें ग्लाइसिमिक इंडेक्स की मात्रा कम हो। भिंडी में केवल 20 प्रतिशत ग्लाइसिमिक इंडेक्स होता है, जो कि बहुत ही कम माना जाता है।