कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, किंतु लोग इससे सबक सीखने को तैयार नहीं हैं। बाजारों, सार्वजनिक स्थलों, सार्वजनिक परिवहनों तथा मॉलों में उमड़ती भीड़ ओमिक्रोन को दावत दे रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक चौदह राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। देश में अभी तक ओमिक्रोन के 225 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र तथा दिल्ली से हैं। अकेले महाराष्ट्र में ओमिक्रोन संक्रमण के 65 तथा दिल्ली में 54 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले तीन गुना तेज गति से संक्रमण फैलाता है, किंतु यह वेरिएंट डेल्टा जैसा खतरनाक नहीं है। कोरोना की पहली लहर के अनुभव से भारत को दूसरी लहर के दौरान ज्यादा फायदा नहीं मिला। कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोगों को जान गंवानी पड़ी। स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई थी। अस्पतालों में बेडों की कमी कारण कोरोना से संक्रमित मरीजों को बाहर ही इंतजार करना पड़ रहा था। ऑक्सीजन की कमी से लोगों की सांसें टूट रही थीं। पिछले एक सप्ताह के दौरान ओमिक्रोन से संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में अस्पतालों में बेडों, एंबुलेंसों एवं ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने, दवाओं का भंडार सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। जिन क्षेत्रों में साप्ताहिक संक्रमण दस प्रतिशत से ज्यादा होगा या वहां के अस्पतालों में 40 प्रतिशत से ज्यादा आईसीयू बेड कोरोना मरीजों से भर जाएंगे, उस क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू एवं कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकारें आवश्यकता के अनुसार कदम उठा सकती हैं। कोरोना पर नजर रखने के लिए टेस्ट, टै्रक एवं सर्विलांस सेवा को कड़ाई से लागू किया जाए तथा बाहर से आने वाले मरीजों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें कोरोना पर नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। जिला स्तर पर वार रूम बनाने का प्रस्ताव भी सामने आया है, ताकि कोरोना पर नजदीकी से नजर रखी जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का भी मानना है कि ओमिक्रोन से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक लेना जरूरी है। दोनों खुराक लेने वाले लोग अगर ओमिक्रोन से प्रभावित भी होते हैं तो उन पर असर कम होता है। सरकार चाहती है कि वैक्सीन देने का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके। दिल्ली सरकार अभी से ही सार्वजनिक स्थल पर होने वाली भीड़ को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर रही है। क्रिसमस के मौके तथा नए वर्ष के लिए होने वाली पार्टियों पर रोक लगाने, शादी एवं अंतिम संस्कार में भाग लेने वालों की संख्या सीमित करने तथा सार्वजनिक परिवहन में भीड़ कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। भारत सरकार दूसरी लहर से सबक लेते हुए तीसरी लहर में ऐसा कोई खामी नहीं रहने देना चाहती है, ताकि देश के सामने बड़ी समस्या पैदा हो। साथ ही आम जनता को भी सतर्क रहना पड़ेगा, जो मामले की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहे हैं। बहुत लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं।