भारत में ट्रू कॉलर के करोड़ों यूजर्स हैं। ये एप हमें उन अनजान लोगों के नाम भी बता देता है, जिनके नंबर्स हमारे फोन में सेव नहीं हैं। ऐसे में आप में से कई लोगों ने इस बात के बारे में जरूर सोचा होगा कि आखिर ट्रू कॉलर को कैसे किसी के बारे में उसके नंबर के जरिए पता चल जाता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। ट्रू कॉलर एक ऐसा ऐप है, जिसकी मदद से आप किसी भी अनजान नंबर से फोन कर रहे यूजर के नाम के बारे में पता लगा सकते हैं। इस एप की मदद से कॉलर आइडेंटिफिकेशन, कॉल ब्लॉकिंग, कॉल रिकॉर्डिंग आदि चीजों को भी किया जा सकता है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि ट्रू कॉलर को आपके नाम के बारे में कैसे पता चलता है और वह आपकी डिटेल्स को किस तरह से अपने सर्वर में स्टोर करता है? ट्रू कॉलर पर जैसे ही हम लोग साइन अप करते हैं। उस दौरान वह हमसे कई तरह की डिटेल्स मांगता है, जैसे नाम, मोबाइल नंबर आदि। इसके अलावा वह आपके मोबाइल पर (मैसेज पढ़ना, संपर्क को पढ़ना) एक्सेस की अनुमति भी मांगता है। एक बार जब हम ट्रू कॉलर को इसका एक्सेस दे देते हैं। उसके बाद वह यूजर का डाटा अपने सर्वर में स्टोर कर लेता है। ऐसे में जो यूजर ट्रू कॉलर एप का उपयोग करते हैं। उनका डाटा ट्रू कॉलर के सर्वर में कैद हो जाता है। इसे इस तरह समझिए अगर आपका कोई दोस्त ट्रू कॉलर का यूज कर रहा है। उसके फोन में आपका नंबर सेव है, तो ट्रू कॉलर के पास आपका नंबर और जिस नाम से आपको सेव किया गया है वह भी उसके डेटाबेस में पहुंच जाएगा। ऐसे में अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके पास फोन करता है और उसका नाम और नंबर अगर ट्रू कॉलर के डेटाबेस में स्टोर है तो फोन करने वाले व्यक्ति का नाम आपके स्क्रीन पर शो होगा।
क्या आप जानते हैं ट्रू कॉलर को आपका नाम कैसे पता चलता है?
