गुवाहाटी : हाल ही में अशोक विश्वविद्यालय के एक शोध परियोजना के तहत 1951 से 2020 तक 70 सालों में सीधे नियुक्त 5,255 आईएएस अधिकारियों में से किस राज्य के कितने हैं उसका तथ्य प्रकाशित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस तथ्य पर सोशल मीडिया पर चर्चाएं भी हो रही हैं।उनके तथ्य के अनुसार पिछले 70 सालों में आईएएस अधिकारियों के प्रतिशत के हिसाब से 15.8 प्रतिशत आईएएस अधिकारियों से उत्तर प्रदेश का स्थान सबसे ऊपर है। इसके बाद आईएएस अधिकारियों के प्रतिशत के हिसाब से अन्य राज्यों का स्थान क्रमानुसार इस प्रकार है - बिहार व झारखंड (10.7 प्रतिशत), दिल्ली (8 प्रतिशत), राजस्थान (7.5 प्रतिशत), तमिलनाडु (6.8 प्रतिशत), पंजाब (6.3 प्रतिशत), महाराष्ट्र (6.1 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश व तेलंगना (6 प्रतिशत), केरल (4.6 प्रतिशत), उड़ीसा (4.5 प्रतिशत), हरियाणा (4.3 प्रतिशत), मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ (3.3 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (1.7 प्रतिशत), गुजरात (1.2 प्रतिशत), असम (1.1 प्रतिशत), मणिपुर (0.72 प्रतिशत), मेघालय (0.65 प्रतिशत), मिजोरम (0.42 प्रतिशत),   नागालैंड (0.38 प्रतिशत), अरुणाचल प्रदेश (0.17 प्रतिशत) तथा त्रिपुरा (0.04 प्रतिशत)। उल्लेखनीय है कि जम्मु व कश्मीर असम से पिछड़ा राज्य है परंतु इस राज्य ने भी देश के कुल 1.1 प्रतिशत आईएएस अधिकारी का सृजन किया है जो असम के बराबर है। गौरतलब यह भी है कि आगामी करीब 15 सालों तक राज्य के प्रशासनिक प्रमुख अथा4त मुख्य सचिव, पुलिस विभाग के प्रमुख आदि पदों में कोई असमीया व्यक्ति नहीं रहेंगे। वर्तमान असम के मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों ही असमीया है। परंतु मुख्य सचिव जिष्णु बरुवा तथा डीजीपी भास्कर ज्योति महंत के सेवानिवृत्त होने के बाद असम के प्रशासन तथा पुलिस विभाग दोनों ही गैर असमीया व्यक्ति द्वारा संचालित होंगे।