पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता

गुवाहाटी : असम राज्यिक शिशु अधिकार सुरक्षा आयोग के एक अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य में पिछले कुछ सालों में शिशु पीड़न की घटना चिंताजनक रूप में बढ़ने लगे हैं। आयोग के तथ्य के अनुसार 2016 में शिशु अधिकार सुरक्षा के 95 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद  2017 में 101 मामले, 2018 में 157 मामले, 2019 में 149 मामले, 2020 में 116 मामले, 2021 के 15 जून तक 54 मामले दर्ज किए गए हैं। शिशु तस्करी के संबंध में 2016 में 9 मामले, 2017 में 6 मामले, 2018 में 11 मामले, 2019 में 14 मामले, 2020 में 14 मामले, 2021 के 15 जुलाई तक 5 मामले दर्ज किए गए हैं। बाल मजदूरी के संदर्भ में 2016 में 8 मामले, 2017 में 7 मामले, 2018 में 10 मामले, 2019 में 8 मामले, 2020 में 12 मामले, 2021 के 15 जुलाई तक 3 मामले दर्ज किए गए हैं। बाल यौन पीड़न के संबंध में 2016 में 21 मामले, 2017 में 7 मामले, 2018 में 53 मामले, 2019 में 44 मामले, 2020 में 32 मामले, 2021 के 15 जुलाई तक 20 मामले दर्ज किए गए हैं। बाल विवाह के संदर्भ में 2016 में 4 मामले, 2017 में 10 मामले, 2018 में 6 मामले, 2019 में 8 मामले, 2020 में 7 मामले, 2021 के 15 जुलाई तक 3 मामले दर्ज किए गए हैं। बाल पीड़न और बाल संबंधी अपराधों के हिसाब से 2021 में सर्वाधिक घटनाएं संघटित हुई हैं।