पूर्वाचल प्रहरी स्टाफ रिपोर्टर 

गुवाहाटी : आज महानगरवासियों को पहली ठंड ने एहसास कराया। मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ठंडी हवा चलने की वजह से तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। ठंड बढ़ने के साथ ही जिले के मुख्य बाजारों में गर्म कपड़ों की बिक्री में तेजी आई है। कल की अपेक्षा आज तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को आज सुबह और शाम के वक्त ठंड ज्याद महसूस हुई। वहीं दोपहर में धूप तेज होने के बाद अब लोग छतों पर बैठकर धूप का आनंद लेते दिखे। ठंड बढ़ने की वजह से हर आयु वर्ग के लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग से मिली जानाकारी के अनुसार गत कल की अपेक्षा रविवार को गुवाहाटी के अधिकतम तापमान में 03.01 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान में करीब 02.00  सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कल देर रात से ही ठंड के साथ सर्द वे तेज हवाएं बढ़ गई हैं,जिसके चलते आज सुबह नगरवासियों को गंतव्य पर जाने में कपकपी महसूस हो रही थी। इसके लिए सभी साइकिल के साथ ही दुपहिया वाहन चालक गर्म कपड़े पहनकर गंतव्य पर जाने के लिए मजबूर दिखे। वहीं गत कल अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस था। वहीं आज का अधिकतम तापमान 25.7  डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 11.9 डिग्री सेल्सियस आंका गया। इसको देखते हुए नगर की प्रमुख सड़क जीएस रोड के किनारे कम ही सही परंतु गर्म कपड़े की दुकानें सजने लगी हैं। प्रत्येक वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी बाहरी राज्यों जैसे -अरुणाचल के कुछेक व्यापारी गर्म कपड़े लेकर गुवाहाटी आ चुके हैं। इस कड़ी में मणिपुरी बस्ती स्थित कई दुकानों पर गर्म कपड़े सज गए है, जिसमें हर आयु व वर्ग की महिलाओं तथा पुरुषों के लिए  टोपी, मफलर,दस्ताना, हॉफ व फुल स्वेटर, हॉफ व फुल जैकेट, कोट के साथ ही कार्डिगन, स्कार्फ,शॉल के साथ ही अन्य कपड़े भी हैं। वहीं दुकानदारों का कहना है कि हमने अपनी दुकानें तो सजा ली है, अब ग्राहकों के आने का इंतजार है। आज से ठंड ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है जिसके बाद अच्छी बिक्री की उम्मीद बढ़ी है। मणिपुरी बस्ती स्थित जगन्नाथ मंदिर से लेकर नंदन होटल तक गर्म कपड़ों से सजी कई  दुकानों के मालिकों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना काल में सबके पास आर्थिक संकट है। सरकारी नौकरी करनेवालों को छोड़ कर बड़े व छोटे व्यापारी, कोरोबारी के साथ ही नीजि संस्थानों में काम करनेवाले लोगों की  हालत खस्ता है। इसके कारण सभी का बजट बिगड़ा हुआ है।