नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के हेलिकॉप्टर का क्रैश होना महज संयोग है या इसमें दुश्मन देश चीन की कोई चाल है। यह सवाल अब सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठाया जा रहा है। इसका कारण करीब एक साल पहले ताइवान के पूर्व मिलिट्री चीफ के हेलिकॉप्टर का ठीक इसी तरह क्रैश होना है। ताइवान के मिलिट्री जनरल लगातार चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहे थे। वहीं, सीडीएस रावत ने भी चीन को लेकर कुछ दिनों पहले बायोलॉजिकल वॉरफेयर की बात कही थी। इन घटनाओं को मिलाकर चीन को शक की निगाहों से देखा जा रहा है। आइए पहले ताइवान के मिलिट्री जनरल के साथ हुए दुर्घटना के बारे में जानते हैं। ताइवान के मिलिट्री चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल शेन यी मिंग 3 जनवरी 2020 को रूटीन आर्मी विजिट पर निकले। उनके ब्लैक हॉक एच-60एम मिलिट्री हेलिकॉप्टर में 62 साल के जनरल मिंग और क्रू सहित 13 लोग सवार थे। ताइवान के एयरबेस से सुबह 8.07 बजे उड़ान भरने के 13 मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे में 8 लोगों की मौत हुई थी। पहले जानकारी मिली कि मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम को जनरल मिंग जिंदा मिले, लेकिन बाद में पता चला, यह मिस इंफोर्मेशन थी। उनकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी। जनरल मिंग 2002 में यूएस एयर वॉर कॉलेज से पास आउट हुए थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 08 मिनट पर सीडीएस रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी थीं। उनके अलावा विमान में सेना के 12 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। बुधवार दोपहर तक ये खबर आती रही कि हादसे में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर हालत में वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से करीब साढ़े पांच घंटे तक खबर आती रही कि जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुछ अफसर बुरी तरह घायल हुए हैं, लेकिन फिर बारी-बारी से मौत की खबर आने लगी।