पूर्वांचल प्रहरी स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटीः आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अमिनुल इस्लाम ने दावा किया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान गुवाहाटी में शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर सहित 400 से अधिक मंदिरों के लिए भूमि दान की थी। विधायक अमिनुल इस्लाम के इस बयान के बाद राज्य में बवाल मच गया है। सनातनी हिंदू आर्मी के डिप्टी कमांडर इन चीफ मनोज डेका ने इस्लाम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि देश का इतिहास गवाह है कि औरंगजेब एक मूर्ति भंजक था। उसने समूचे भारत में कई मंदिरों को जमींदोज कर दिया था। इतना ही नहीं औरंगजेब ने गैर मुस्लिमों पर जजिया लगाया था। वह एक क्रूर, अत्याचारी और कट्टर व्यक्ति था। मनोज डेका ने कहा कि औरंगजेब का जन्म साल 1618 में हुआ था, जबकि कामाख्या मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1565 में कोच राजा नर नारायण ने करवाया था। उन्होंने कहा कि ईस्वी सन 1615 से 1682 तक मुगलों ने कई बार असम पर आक्रमण किया, पर हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। मुगल असम पर कभी भी अपना आधिपत्य नहीं जमा पाए । ऐसे में अमिनुल इस्लाम का यह दावा कि औरंगजेब ने कामाख्या मंदिर के लिए जमीन दान दी थी, बकवास और इतिहास के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि अमिनुल इस्लाम जैसे लोग औरंगजेब का महिमामंडन करें, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने भी विधायक के विवादास्पद बयान पर संज्ञान लेते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृृति को नुकसान पहुंचाया जाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर अमिनुल इस्लाम विवादास्पद बयानबाजी से बाज नहीं आते तो उनका हश्र भी शेरमान अली जैसा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अमिनुल दोबारा इस तरह के बयान देते हैं, तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा। मेरी सरकार में हमारी सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को विधायक अमिनुल ने कहा कि मैंने देश में मुगल शासन के दौरान जो देखा था, वह मैंने कहा। एक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में यह भी लिखा है कि औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान 400 से अधिक मंदिरों को भूमि दान की थी। उन्होंने गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर सहित मंदिरों, पुजारियों के लिए भूमि दान की। अमिनुल इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि वाराणसी के जंगमबाड़ी मंदिर की भी 178 हेक्टेयर जमीन औरंगजेब ने दान की थी। कामाख्या मंदिर से संबंधित अपने बयान की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए भूमि दान के दस्तावेज अभी भी ब्रिटिश म्यूजियम में प्रदर्शित हैं।