पूर्वांचल प्रहरी कार्यालय संवाददाता
गुवाहाटीः वर्षों से चल रही सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना भारत में अभी तक प्रारम्भ की गई जल विद्युत परियोजनाओं में सबसे बड़ी है और यह सुबनसिरी नदी पर एक रन ऑफ रिवर परियोजना है। परियोजना अरुणाचल प्रदेश तथा असम की सीमा पर है। यह परियोजना जिले के लोगों समेत आसपास के लोगों के लिए अभिशाप नहीं होगी, बल्कि सरकार की ओर से जो नीति बनाई गई है उससे साफ लग रहा है कि यह स्थानीय लोगों तथा असम के नागरिकों के लिए वरदान साबित होगी। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता रजीव शर्मा ने उपरोक्त आशय की बातें कहीं। प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि किसी बहु योजनाओं से संबंधित कार्य को सिर्फ विरोध करने के लिए ही उस कार्य में बाधा डाला जाए यह किसी तरह से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस जल विद्युत परियोजना की पूरी होने के साथ ही इस इलाके में बाढ़ से प्रत्यक वर्ष हो रहे भारी नुकसान पर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही नदियों तथा बाढ़ से कृृषि और आवासीय इलाके के भू-कटाव को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि सरकार और जल विद्युत परियोजना में लगे लोगों ने स्थानीय लोगों को बार-बार आश्वासन दे रहे हैं कि उनकी जानमाल की सुरक्षा और बाढ़ नियंत्रण के लिए हर प्रकार के कदम उठाए जाएंगे। भाजपा नेता ने उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ सभी संगठनों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर उनके हिसाब से कुछ गड़बड़ है तो उसे बातचीत के जरिए समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि असमिया भाषा-संस्कृृति, असमिया समाज और असम के हर एक व्यक्ति की सुरक्षा के प्रति भाजपा व सरकार कटिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने हाल ही में असम दौरा किया था और उन्होंने कहा था कि अगले वर्ष के अगस्त महीने से गोगामुख स्थित सुबानसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना शुरू होगी। केंद्रीय मंत्री की घोषणा के बाद कई दल-संगठनों ने इसका विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।