चुनाव आयोग द्वारा बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत प्रकाशित मतदाता सूची के मसौदे को लेकर संसद से सड़क तक घमासान मचा हुआ है। एसआईआर के तहत 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाये गए हैं। इसको लेकर कांग्रेस तथा दूसरी विपक्षी पाॢटयां चुनाव आयोग तथा भाजपा पर हमलावर हैं। 65 लाख लोगों के नाम हटने के बाद बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ हो गई है। एसआईआर के बाद 22.34 लाख से ज्यादा लोग मृत पाये गए जिनका नाम मतदाता सूची में था। इसी तरह 36.28 लाख लोग ऐसे पाये गए जो या तो घर छोड़कर बाहर बस गए या निर्धारित पते पर चुनावकॢमयों को नहीं मिले। 7.01 लाख लोग ऐसे पाये गए जिनका नाम एक से ज्यादा जगहों पर था। विपक्षी पाॢटयों ने इसे मुद्दा बनाकर नरेन्द्र मोदी सरकार तथा चुनाव आयोग को घेरने का प्रयास किया है। विपक्षी दल संसद में इस पर चर्चा कराना चाहते हैं, ङ्क्षकतु सरकार का कहना है कि यह मामला चुनाव आयोग से संबंधित है। इसको लेकर 18 अगस्त को संसद के दोनों सदनों में काफी हंगामा हुआ। विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों की एक बैठक भी हुई जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लाने पर विचार-विमर्श हुआ। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई। हालांकि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है जिसके खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया जटिल है। इस आयोग को संवैधानिक कवच प्राप्त है। मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के जज की तरह है। यह मामला इतना आसान नहीं है। अगर महाभियोग आता भी है तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन इसे स्वीकार नहीं होने देगा, क्योंकि संसद के दोनों सदनों में सत्ताधारी दल का बहुमत है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी बिहार में वोट चोरी के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा भी निकाल रहे हैं, जो सासाराम से शुरू हुआ है। मालूम हो कि इस वर्ष के अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल सहित दूसरी विपक्षी पाॢटयां इसे मुद्दा बनाकर मतदाताओं को आकर्षित करना चाहती है। विपक्षी दलों का मानना है कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची से काटे गये अधिकतर मतदाता विपक्षी दलों के समर्थक हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने काटे गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक कर दिये गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को वोट चोरी साबित करने के लिए चुनौती देते हुए कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने को कहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि केवल ऐसे मतदाताओं के नाम काटे गए हैं जो आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं। मृतक लोगों का नाम मतदाता सूची में होना जायज नहीं है। दो जगहों पर एक ही मतदाता का नाम होना भी गलत है। चुनाव आयोग को यह प्रयास करना चाहिए कि वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं कटे, ङ्क्षकतु घुसपैठिये एवं विदेशी लोगों का नाम मतदाता सूची में होना किसी भी रूप में जायज नहीं है।
एसआईआर पर घमासान
